Intraday Trading: शेयर बाजार में 1 दिन की ट्रेडिंग में भी हो सकती है बंपर कमाई

What is Delivery Margin in Zerodha in Hindi? | ज़ेरोधा में डिलीवरी मार्जिन क्या है?

अगर आपके फंड्स आपको डिलीवरी ट्रेडिंग के तहत आप की पसंद के स्टॉक में निवेश करने के लिए परेशान हैं तो अब आप को इस समस्या से परेशान होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि इसलिए आप अब आप डिलीवरी ट्रेडिंग के लिए मार्जिन को कम करके ज्यादा से ज्यादा ट्रेड सकते हैं।

लेकिन ट्रेड करने से पहले हमें डिलीवरी मार्जिन (delivery margin kya hai) के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। डिलीवरी मार्जिन (Delivery margin kaise kaam karta hai) काम कैसे करता है?

मार्जिन (What is delivery margin in Hindi) का मतलब लीवरेज या फिर फंड होता है जो किसी भी ब्रोकर द्वारा ट्रेडर को ज्यादा से ज्यादा ट्रेडिंग करने के लिए प्रदान किया जाता है। वैसे तो आमतौर पर यहीं होता है कि मार्जिन की सुविधाएं ब्रोकर इंट्राडे के लिए ही प्रदान की जाती है, लेकिन कुछ परिस्थिति में यह अपवाद भी होता है क्योंकि कुछ ब्रोकर ऐसे भी होते हैं जो डिलीवरी ट्रेडिंग के लिए भी लीवरेज प्रदान करते हैं।

चलिए अब हम आगे आपको delivery margin in zerodha (What is delivery margin in zerodha in Hindi) क्या है और यह कैसे काम करता है तथा ऑप्शन और फ्यूचर ट्रेडिंग की जानकारी भी दे रहे हैं।

इन्वेस्टर्स की दुनिया में मार्जिन की खरीदारी करने का अर्थ होता है कि किसी भी ब्रोकर से शेयरों की खरीदारी करना। इन्वेस्टर्स सिर्फ मूल्य या एक निश्चित मार्जिन का पेमेंट ही करते हैं लेकिन बाकी के पैसे ब्रोकर ही प्रदान करता है।

इस सुविधा के कारण आप अपने पास मौजूदा पैसे से भी ज्यादा से ज्यादा ट्रेड करके शेयरों की खरीदारी कर सकते हैं। किंतु, यहां आपको एक बात का ध्यान रखना भी जरूरी है कि ब्रोकर ने एक निश्चित फ़ीसदी इंटरेस्ट चार्ज करके डिलीवरी ट्रेडिंग के लिए मार्जिन (delivery margin kya hai) प्रदान किया है। इन्वेस्ट करने से पहले ब्रोकर के बारे में संपूर्ण जानकारी हासिल करने के बाद ही निवेश शुरू करना बेहतर रहता है।

What is Delivery Margin in Zerodha in Hindi?

अब आगे हम जानते हैं कि जेरोधा में डिलीवरी मार्जिन क्या है?

आगे बढ़ने से पहले हम यहां जेरोधा के बारे में भी आपको शॉर्ट में इंफॉर्मेशन दे रहे हैं।

जीरोधा (Zerodha Meaning in Hindi) की स्थापना साल 2010 में निखिल कामत और नितिन कामत ने मिलकर की थी। अब नितिन कामत जेरोधा के फाउंडर और सीईओ है।

सब-ब्रोकर के रूप में अपना करियर शुरू करने वाले नितिन कामत ने साल 2006 में रिलायंस के साथ मनी मैनेजर के तौर पर काम किया और साल 2010 के अंत तक अपने छोटे भाई के साथ मिलकर जेरोधा की स्थापना कर दी।

यह सब तो जीरोधा (Zerodha Meaning in Hindi) दो शब्दों को मिलाकर बनाया गया है जीरो + रोढा (Zero+ Rodha)। इसका मतलब है कि इस कंपनी में किसी भी ट्रेडर इन्वेस्टर्स को किसी भी प्रकार की बाधाएं नहीं आती है।

Zerodha हमारे देश की पहली ऐसी डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म है जिसने देश की ब्रोकिंग इंडस्ट्री का परिदृश्य बदल दिया है। वही Zerodha हमारे देश का ऐसा पहला ट्रेडिंग फर्म है जो मौजूदा ब्रोकरेज की रेट्स कम करके हर खरीद और बिक्री बिक्री पर फ्लैट दर से फीस की फैसिलिटी भी प्रदान करता है। साथ ही यह बीएसई , सेबी, एमसीएक्स , में एनसीडीईएक्स और एनएसई जैसे एक्सचेंज के साथ भी पंजीकृत है।

रिटेल और इनसीटूशनल ब्रोकिंग, कोमोडिटी, म्यूच्यूअल फंड , करेंसी और बॉन्ड की पेशकश करने के साथ ही Zerodha इक्विटी डिलीवरी निवेश के लिए भी निशुल्क है। हम आपको बता दें कि इस प्लेटफार्म में सिर्फ इक्विटी इंट्राडे , ऑप्शन और ट्रेड ट्रेक के लिए ही सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स की वसूली की जाती है।मौजूदा हालातों पर नजर करे तो वर्तमान में करीब 23 लाख से भी अधिक एक्टिव क्लाइंट जेरोधा के साथ जुड़े हुए हैं। अब यहां यह कहना गलत नहीं होगा कि जीरोधा नए इन्वेस्टर के लिए सबसे बेस्ट प्लेटफॉर्म है।

अब हम आगे बढ़ कर आपको बताते हैं कि जेरोधा में डिलीवरी मार्जिन (delivery margin kya hai) क्या है?

डिलीवरी शेयरों की बिक्री होने के बाद ब्रोकर मार्जिन ( what is delivery margin in zerodha in Hindi) को काटकर ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे क्रेडिट करता है। इसी घटे हुए अमाउंट को डिलीवरी मार्जिन कहते हैं। आगे हम आपको इस बारे में विस्तृत जानकारी देते हैं कि जेरोधा डिलीवरी मार्जिन (Delivery margin kaise kaam karta hai) कांसेप्ट कैसे काम करता है और आप किस प्रकार इसका इस्तेमाल करके ज्यादा से ज्यादा ट्रैक कर सकते हैं।

सरल शब्दों में कहें तो जब भी आप अपने डिमैट अकाउंट से किसी भी शेर को बेचते हैं तो उस बेचे गए शेयर की कीमत का 80% आपके ट्रेडिंग अकाउंट में जमा होता है और बाकी का अमाउंट आपके डिलीवरी मार्जिन के तौर पर क्रेडिट होता है। इस मार्जिन को अगले ट्रेड के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।

सेबी के पिक मार्जिन (delivery margin kya hai) के नियमों के अनुसार हम उसे कुछ हिस्सा कह सकते हैं।

Delivery Margin in Zerodha in Hindi

जेरोधा में डिलीवरी मार्जिन क्या है इसे हम एक बहुत ही आसान तौर पर आप को समझा रहे हैं।

चलिए मान लीजिए कि आपके पास किसी भी कंपनी का एक शेयर है जिसे आप 550.50 रुपए में बेचना चाहते हैं।

अब इन संजोग में आपके ट्रेडिंग अकाउंट में T+1 डे में इसका 80% यानी 440.4 का अमाउंट क्रेडिट हो जाएगा और बाकी का 20% यानी कि 110.1 अमाउंट आपके अकाउंट में मार्जिन के तौर पर अवेलेबल होगा जिसे आप अपनी नेक्स्ट ट्रेड के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।

वहीं आप ऑप्शन और फ्यूचर में ट्रेड कर रहे हैं और फिजिकल डिलीवरी की स्थिति भी ओपन है तो ऐसी परिस्थिति में आप का अतिरिक्त मार्जिन ब्लॉक हो जाएगा और इस अतिरिक्त मार्जिन को भी हम डिलीवरी मार्जिन की जैसे ही टैग करते हैं।

यहां पर कुछ ऐसी परिस्थितियां भी है जिनके बारे में आपको जानकारी होना बेहद ही जरूरी है।

लॉन्ग ITM ऑप्शंस में कोई भी अतिरिक्त मार्जिन ब्लॉक नहीं किया जाएगा।

लॉन्ग OTM ऑप्शंस में कॉन्ट्रैक्ट मूल्य का 50 % ब्लॉक हो जाएगा।

एक्सपायरी वाले दिन, ब्लॉक मार्जिन कॉन्ट्रैक्ट मूल्य या फिर स्पेन और एक्स्पोज़र मार्जिन का 40 फ़ीसदी होगा (जो भी इनमें से सबसे ज्यादा हो)।

निष्कर्ष

हमें उम्मीद है कि जेरोधा में डिलीवरी मार्जिन क्या है इस ट्रेडिंग सेगमेंट के बारे में आपको संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। इसके बावजूद भी आपके मन में अभी भी कोई सवाल है तो आप हमें कमेंट सेशन में पूछ सकते हैं। हम जल्द ही आपको जवाब देने का प्रयास करेंगे।

मार्जिन ट्रेडिंग क्या है, What is Margin Trading in Hindi

नमस्कार डियर पाठक आज के इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि (MTF) मार्जिन ट्रेडिंग क्या है, What is Margin Trading in Hindi, डियर पाठक मार्जिन ट्रेडिंग को यूं समझिए जैसे कि अभी आपको कोई चीज खरीदनी है और आपके पास पैसे नहीं है तो आपके दिमाग में यह ख्याल आता है कि काश थोड़े पैसे होते तो,

मैं इस चीज को खरीद लेता ठीक उसी प्रकार मार्जिन ट्रेडिंग हैं, यहां पर आप अपनी खरीदने की क्षमता से 4 गुना अधिक फायदा उठा सकते हैं। जी हां बिल्कुल मार्जिन ट्रेडिंग (MTF) में यह सुविधा उपलब्ध है। और यह सुविधा एक इन्वेस्टर को कैसे मिलेगी इस आर्टिकल में जानेंगे इसलिए आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।

उदाहरण के लिए–‌ आपका खाता शेष = ₹50,000

एमटीएफ (MTF) आपको 4x तक खरीदने की शक्ति प्रदान करता है = ₹2,00,000 (50,000 x 4)

मार्जिन ट्रेडिंग क्या है? What is Margin Trading?

स्टॉक मार्केट में मार्जिन ट्रेडिंग का मतलब उस प्रोसेस से हैं, जहां व्यक्तिगत (individual) इन्वेस्टर अपने शेयर खरीदने की क्षमता से अधिक शेयर्स खरीदते हैं। इंडिया में मार्जिन ट्रेडिंग इंट्राडे ट्रेडिंग को भी परिभाषित करती हैं। मार्जिन ट्रेडिंग की फैसिलिटी लगभग सभी ब्रोकर्स प्रोवाइड करवाते हैं। मार्जिन ट्रेडिंग के अंदर एक सिंगल सेशन में सिक्योरिटीज की खरीददारी और बिक्री शामिल रहती है। समय के साथ लगभग सभी ब्रोकर ने टाइम ड्यूरेशन के मामले में कुछ ढील दी है।

मार्जिन ट्रेडिंग में इन्वेस्टर एक पर्टिकुलर सेशन में शेयर के चाल का अनुमान लगाते हैं। और आज के दौर में इलेक्ट्रॉनिक स्टॉक एक्सचेंजो की बदौलत, अब मार्जिन ट्रेडिंग छोटे ट्रेडर्स के लिए भी अवेलेबल है। डियर पाठक आपको बता दें कि मार्जिन ट्रेडिंग की प्रोसेस काफी सिंपल है।

मार्जिन अकाउंट,‌ इन्वेस्टरो को अपने स्टॉक खरीदने की क्षमता से ज्यादा स्टॉक‌ खरीदने के संसाधन उपलब्ध करवाता है। और इस प्रोसेस को पूरा करने के लिए ब्रोकर इन्वेस्टर को शेयर खरीदने के लिए पैसे उधार देता है। और शेयरों को अपने पास गिरवी रख लेता है। आपको बता दें कि मार्जिन अकाउंट खुलवाने के लिए पहले अपने डिमैट अकाउंट ब्रोकर को रिक्वेस्ट करनी पड़ती है। और डियर पाठक इसके लिए ब्रोकर को कैश पेमेंट करना होता है, जिससे सिंपल भाषा में मिनिमम मार्जिन कहते हैं।

अकाउंट खुल जाने के बाद क्या करना होता है। What to do after opening an account?

अकाउंट खुल जाने के बाद इन्वेस्टर को इनिशियल मार्जिन का भुगतान करना होता है। और यह टोटल कारोबार वैल्यू का निश्चित प्रतिशत होता है, और इसको ब्रोकर निर्धारित करता है। मार्जिन अकाउंट से ट्रेडिंग शुरू करने से पहले इन्वेस्टर को तीन महत्वपूर्ण स्टेप्स ध्यान में रखने पड़ते हैं।

  1. सेशन के जरिए मिनिमम मार्जिन को मेंटेन करना होता है।
  2. हर ट्रेडिंग सेशन के खत्म होने पर अपनी पोजीशन पर वापस लौटना होता है। यानी अगर आपने कोई शेयर खरीदे हैं, तो उन्हें बेचना होगा, और अगर आपने शेयर बेचे हैं तो उन्हें सेशन खत्म होने से पहले खरीदना होगा।
  3. ट्रेडिंग के बाद शेयरों को डिलीवरी ऑर्डर में कन्वर्ट करना होता है।

निष्कर्ष, मार्जिन ट्रेडिंग क्या है

डियर पाठक आज के इस लेख, मार्जिन ट्रेडिंग क्या है, What is Margin Trading in Hindi के माध्यम से हमने जाना कि मार्जिन ट्रेडिंग क्या होती है और मार्जिन ट्रेडिंग का लाभ कैसे उठा सकते हैं। और आपके कुछ सामान्य प्रसन है जिनके उत्तर आपको नीचे मिलेंगे आप इसके लिए‌ FAQS सेक्शन को देखें।

डियर पाठक मार्जिन ट्रेडिंग के साथ आप अपनी क्रय शक्ति को 4x तक बढ़ा सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपके खाते में 100,000 रुपये हैं तो आप अपनी क्रय क्षमता को 500,000 रुपये तक बढ़ाने के लिए MTF के तहत 400,000 रुपये तक प्राप्त कर सकते हैं।

जब तक कि उधार ली गई राशि का पुनर्भुगतान या व्यापारी स्थिति से बाहर न हो जाए तब तक 0.049% प्रति दिन (18% प्रति वर्ष) का ब्याज तब तक लिया जा सकता है ।

मार्जिन ट्रेडिंग को पूरा करने की समय सीमा क्या है?
आपको उसी दिन रात 9 बजे तक अपने संबंधित शेयरों को गिरवी रखना होगा। अन्यथा, शेयरों को T+7 दिन पर चुकता कर दिया जाएगा।

Upstox में Margin Trading Facility क्या है ? इससे क्या फायदा है?

Upstox में Margin Trading Facility की नई सर्विस आ गयी है जिसे तहत शेयर की डिलीवरी में 50% मार्जिन पा सकते हो और शेयर को आधी कीमत पर खरीद सकते हो.

आखिर Margin Trading Facility से क्या फायदा है? और इसका इश्तेमाल कैसे करना है ? आज की इस पोस्ट में Upstox में Margin Trading Facility क्या है ? इसी के बारे में पूरी जानकारी देंगे

Table of Contents

Upstox में Margin Trading Facility क्या है ?

Margin Trading Facility या MTF एक ऐसी सुविधा है जिससे आप Upstox में 200 से ज्यादा स्टॉक्स को आधे दाम पर खरीद सकते हो. इसमें स्टॉक्स को खरीदने के लिए आधा पैसा UPSTOX खुद देता है.

अगर आपके Demat Account में 70,000 रूपए है तो आप उससे दुगनी कीमत यानि 1,40,000 रूपए के शेयर खरीद सकते हो. इसमें 50% मार्जिन Upstox खुद देता है.

मार्जिन की सुविधा Intraday Day ट्रेडिंग में दी जाती है जिससे कम रूपए में ज्यादा मात्रा में स्टॉक्स को खरीद सके लेकिन इंट्राडे ट्रेडिंग में स्टॉक्स को उसी दिन बेचना भी होता है नही तो ब्रोकर बेच देता है.

इस तरह MTF से डिलीवरी में भी शेयर खरीदने के लिए मार्जिन प्राप्त कर सकते हो. Upstox, Margin Trading Facility की सुविधा देकर चार्ज भी लेता है.

MTF द्वारा लिए गये स्टॉक्स को सिर्फ 150 दिनों के लिए ही होल्ड रख सकते हो. इसके बाद आपको अपने सारे स्टॉक बेचने होगे और अपनी पोजीशन एग्जिट क्या स्टॉक ब्रोकर मार्जिन फैसिलिटी भी देते है? करनी होगी.

अगर आप 150 दिन के अन्दर अपनी पोजीशन एग्जिट नही करते हो तो 151 दिन ब्रोकर खुद सारे शेयर बेच देगा और जो प्रॉफिट होगा वो आपके फण्ड में ऐड कर देगा.

MTF में खरीदे गये शेयर में डिविडेंड और बोनस शेयर जैसे सभी लाभ मिलेंगे लेकिन शेयर में buyback का लाभ नही दिया जायेगा

Upstox में Margin Trading Facility Activate कैसे करें ?

MTF सर्विस को चालू करने के लिए निम्न स्टेप फॉलो करें

  1. अपने Upstox में लॉग इन कर लें
  2. होम पेज पर ही मार्जिन फैकल्टी का विकल्प दिखाई दे रहा होगा.
  3. उस पर क्लिक कर देना है.
  4. इसके बाद MTF का न्य पेज खुल जायेगा
  5. Continue पर क्लिक करें
  6. इसके बाद एक OTP आयेगा जिसे भर दें फिर Continue OTP पर क्लिक करें
  7. Submit पर क्लिक करें.

यह सब स्टेप फॉलो करने के बाद MTF एक्टिवेट हो जायेगा.

Upstox MTF Stock list

Upstox में Margin Trading Facility Charges क्या है ?

समान्य शुल्क – MTF में किसी शेयर को खरीदने व बेचने, 20रूपए /आर्डर के हिसाब से Charges लिए जायेंगे.

डेली चार्जेज – 40,000 रूपए के स्लैब पर 20रूपए/प्रतिदिन के हिसाब से चार्ज लिया जायेगा

उदाहरण के लिए अगर आप840,000 रूपए ले शेयर खरीदते हो जिसमे 40,000 रूपए मार्जिन मिलता है तो 20रूपए/प्रतिदिन के हिसाब से चार्ज लिया जायेगा

इसी तरह MTF पर 70,000 रूपए के लिए पहले 40,000 रूपए के लिए 20रूपए/प्रतिदिन के हिसाब से चार्ज और बाकि बचे 30,000 के लिए भी 20रूपए/प्रतिदिन के हिसाब से चार्ज लगेगा

इस तरह 70,000 रूपए पर 40 रूपए/दिन के हिसाब से चार्ज लगेगा. यह चार्ज हर दिन लागु होंगे जब तक आप अपनी पोजीशन एग्जिट नही कर देते.

ब्रोकरेज चार्ज – इन सब के अलावा डिलीवरी क्या स्टॉक ब्रोकर मार्जिन फैसिलिटी भी देते है? पर जो भी चार्ज लिया जाता है वो भी लिया जायेगा साथ ही टैक्स भी देना होगा.

Upstox में Margin Trading Facility के बारे में विस्तार से जानने के लिए दिए हुए लिंक पर क्लिक करें – Upstox MTF

zerodha margin calculator 2023: ट्रेडिंग ब्रोकरेज शुल्क से हैं परेशान, तो आज ही जुड़े भारत की सबसे बड़ी कंपनी के साथ

zerodha margin calculator 2022:- ज़ेरोधा क्या है? संक्षिप्त विवरण जाने: अगर आप शेयर मार्केटिंग या स्टॉक मार्केटिंग में जुड़कर कार्यों को करना चाहते हैं या आप एक अपना demat account open करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको यह जानना होगा कि Zerodha Kya Hai?

हिंदुस्तान में बहुत ही कम दर पर ट्रेडिंग खाते और डीमेट खाते की सुविधा प्रदान करने वाली बहुत सारी कंपनियां मौजूद है| बस उन्हीं कंपनियों में से एक कंपनी ज़ेरोधा है| ज़ेरोधा की सर्विस से सबसे फास्ट है इसके अलावा यहां पर बड़ी डिस्काउंट ब्रोकर इन सेवा भी मिलती है| इसके अतिरिक्त ज़ेरोधा छोटे निवेशक को या बड़े निवेशकों के लिए बहुत ही अच्छा प्लेटफार्म मुहैया कराता है|

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इस पोस्ट में क्या है?

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zerodha margin calculator 2022:- क्या आप ज़ेरोधा के पुराने अथवा ने ग्राहक हैं और आप काफी दिनों से परेशान भी है की स्टॉक मार्केटिंग, मैचुअल फंड वगैरा-वगैरा कैसे कार्य करते हैं या फिर क्या मुनाफा है, क्या घाटा लग रहा है |

तो आप घबराएं नहीं इसके लिए हम और आप मिलकर zerodha margin calculator के बारे में जानकारी लेंगे | जिसके माध्यम से आप किसी भी स्टॉक मैचुअल फंड या zerodha के अन्य किसी भी प्रोडक्ट में क्या बेनिफिट आपको मिल रहा है! और कैसे आपको पैसे इन्वेस्ट करना है|

Also read: zerodha margin calculator 2022

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इसके संबंधित सभी जानकारी आप लोग जीरोधा मार्जिन कैलकुलेटर के माध्यम से निकाल सकते हैं | वैसे zerodha margin calculator 2022 काफी प्रचलित मार्जिन कैलकुलेटर में से एक है | मार्जिन कैलकुलेटर इस्तेमाल करना बेहद आसान है | इस mis in zerodha पोस्ट को पूरा अवश्य पढ़ें! अगर आप भी एक ही बार में zerodha margin calculator 2022 को सीखना चाहते हैं तो|

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ज़ेरोधा की आधिकारिक zerodha.com वेबसाइट में zerodha margin calculator 2022 को चार भागों में विभाजित किया गया है:

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नीचे दिए गए लिंक की मदद से आप डायरेक्टली zerodha के आधिकारिक https://zerodha.com/margin-calculator/Futures/ वेबसाइट पर जाकर जीरोधा मार्जिन कैलकुलेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं|

Zerodha Broking Limited Information related highlights

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Intraday Trading: शेयर बाजार की बात आती है तो अमूमन यही खयाल आता है कि बाजार में पैसा लगाकर लंबा इंतजार करना होगा. तभी बेहतर मुनाफा हो सकता है. लेकिन ऐसा नहीं है. बाजार निवेशकों को 1 दिन में भी बंपर मुनाफा कमाने का मौका देता है. बाजार में एक ही ट्रेडिंग डे पर शेयर खरीदने और बेचने को इंट्रा डे ट्रेडिंग कहते हैं. इसमें सुबह पैसा लगाकर दोपहर तक अच्छी कमाई की जा सकती है. यहां शेयर खरीदा तो जाता है क्या स्टॉक ब्रोकर मार्जिन फैसिलिटी भी देते है? लेकिन उसका मकसद निवेश करना नहीं, बल्कि एक दिन में उसमें होने वाली बढ़त से मुनाफा कमाना होता है. ध्यान रहे कि इसमें जरूरी नहीं है कि आपको फायदा ही हो.

कैसे कर सकते हैं Intraday ट्रेड

अगर शेयर बाजार में डे-ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो इसके लिए पहले आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होता है. इस अकाउंट में आप या तो ब्रोकर को फोन पर ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं या ऑनलाइन भी खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं.

कैसे चुनें सही स्टॉक

#सिर्फ लिक्विड स्टॉक में ट्रेडिंग करें, 2 या 3 ऐसे स्टॉक चुन सकते हैं.
#वोलेटाइल स्टॉक से दूर रहें
#अच्छे कोरेलेशन वाले शेयरों में करें खरीददारी
#शेयर का चुनाव करने के पहले बाजार का ट्रेंड जरूर देख लें, मार्केट के ट्रेंड के खिलाफ न जाएं.
#रिसर्च के बाद जिन शेयरों को लेकर कांफिडेंट हैं, उनमें निवेश करें
#शेयर खरीदने के पहले यह तय करें कि किस भाव में खरीदना है और उसका लक्ष्य कितना है. स्टॉप लॉस जरूर लगाएं.
#जैसे ही लक्ष्य पूरा हो, प्रॉफिट बुकिंग करें.

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कितने पैसों की पड़ती है जरूरत

इंट्रा डे में आप किसी शेयर में कितनी भी रकम लगा सकते हें. शेयर बाजार में नियम है कि जिस दिन शेयर खरीदा जाता है, उस दिन पूरा पैसा नहीं देना होता है. नियम के तहत जिस दिन शेयर खरीदा जाता है, उसके 2 ट्रेडिंग दिनों के बाद पूरा भुगतान करना होता है. फिर भी आपको शेयर के भाव का शुरू में 30 फीसदी रकम निवेश करना होता है.

कैसे मिलता है फायदा

इसका उदाहरण 6 मार्च 2019 यानी बुधवार को शेयर बाजार में होने वाली ट्रेडिंग से ले सकते हैं. दीवान हाउसिंग फाइनेेंस कॉरपोरेशन (DHFL) के शेयरों में निवेश करने वालों के लिए बुधवार का दिन बेहतर साबित हुआ. बुधवार को पॉजिटिव सेंटीमेंट जुड़ने के बाद कंपनी के शेयर में 20 फीसदी तक तेजी आई है.

DHFL का शेयर मंगलवार को 134 रुपये के भाव पर बंद हुआ था. वहीं बुधवार को यह 147.40 के भाव पर खुला और कुछ देर में ही 160 रुपये के भाव पर पहुंच गया. यानी प्रति शेयर 26 रुपये का फायदा हुआ. इस लिहाज से अगर किसी ने 50 हजार रुपये लगाए होंगे तो उसकी रकम बढ़कर 60 हजार रुपये हो गई. कुछ घंटों में ही 10 हजार रुपये का फायदा.

जानकारों की राय

एक्सपर्ट के अनुसार हालांकि शेयर बाजार का अधिकांश कारोबार डे ट्रेडिंग का ही होता है, लेकिन फिर भी सावधानी के साथ कारोबार करना चाहिए. शेयर का चुनाव करने के पहले बाजार का ट्रेंड जरूर देखना चाहिए. मार्केट के ट्रेंड के खिलाफ न जाएं. शेयर खरीदने के पहले यह तय करें कि किस भाव में खरीदना है और उसका लक्ष्य कितना है. स्टॉप लॉस जरूर लगाएं.

(Discliamer: हम यहां इंट्राडे कारोबार के बारे में जानकारी दे रहे हैं, न कि निवेश की सलाह. शेयर बाजार के अपने जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)

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