8. न्याय व्यवस्था-
बिंगबन विनियमित है
सुल्तान कुतुबद्दीन ऐबक की मृत्यु कैसी हुई?
उत्तर : चौगान की क्रीड़ा के दौरान अश्व से गिरने बिंगबन विनियमित है के पश्चात उनकी मृत्यु हो गई, ,
IAS (Pre) , बिंगबन विनियमित है 2003
दिल्ली का प्रथम मुस्लिम शासक कौन था?
चंगेज खां के अधीन मंगोलों ने भारत पर आक्रमण किया?
अपनी शक्ति को समेकित करने के बाद बलबन ने भव्य बिंगबन विनियमित है उपाधि धारण की थी ?
मंगोल आक्रमणकारी चंगेज खां भारत की उत्तर-पश्चिम सीमा पर किसके काल में आया था?
किसने भारत में प्रसिद्ध फारसी त्यौहार ‘नौरोज’ को आरंभ करवाया?
गुलाम वंश का संस्थापक कौन था?
कुतुबद्दीन ऐबक की राजधानी थी?
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बलबन के शासन प्रबंध का वर्णन कीजिए,
तो हेल्लो स्टूडेंट्स आज हम बलबन की शासन व्यवस्था के बिंगबन विनियमित है बारे में चर्चा करेंगे। इसके पिछले पोस्ट में हमने बलबन की रक्त लौह नीति एवं बलबन का मूल्यांकन के बारे में चर्चा की थी, अगर इसके बारे में आपने नहीं पढ़ा तो इस लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं
बलबन ने शासक बनने के पश्चात अनुभव किया की उसके सामने अनेक समस्याएं मौजूद हैं| इसके निवरण के लिए बलबन ने सर्वप्रथम एक कठोर प्रशासनिक व्यवस्था की स्थापना की |
बलबन की शासन व्यवस्था
1. राजत्व संबंधी सिद्धांत -
बलबन बिंगबन विनियमित है के समक्ष सर्वप्रथम कार्य सुल्तान की प्रतिष्ठा को पुनः स्थापित करना था। बलबन ने सल्तनत के विरोधी तत्वों का विनाश कर राजत्व के दैवीय सिद्धांत का प्रतिपादन किया। इस सिद्धांत के अनुसार संतुलन को अपने ही ईश्वर का प्रतिनिधि माना, जिसकी तुलना जनसाधारण से नहीं की जा सकती थी। "राज्य की संपूर्ण शक्ति उसी में केंद्रित थी वह बड़ी कठोरता से अपनी आज्ञा का पालन करवाता था उसके पुत्र भी जो बड़े-बड़े प्रांतों के शासक थे उससे बिना पूछे कोई कार्य नहीं कर सकते थे। उसकी आज्ञाओं को अंतिम समझी जाती थी।"
2. चालीस मंडल का दमन-
इल्तुतमिश ने प्रशासनिक क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से 40 गुलामों को संगठित करके 40 मंडल बनाया था। यह अत्यंत राज भक्त और तन मन से सुल्तान की सेवा करते थे। इल्तुतमिश की मृत्यु के पश्चात इनकी महत्वकांक्षाएं बढ़ने लगी और इल्तुतमिश के निर्बल उत्तराधिकारीयों के समय में यह अत्यंत शक्तिशाली हो गए। सुल्तानों को बनाने व हटाने में भी वे भूमिका निभाने लगे।यह सदस्य अत्यंत स्वार्थी व अभिमानी हो गए थे तथा राजा को कठपुतली समझते थे। इसके फलस्वरूप बलबन ने इनका विनाश करने का निश्चय किया। बलबन ने इनका दमन करने व प्रजा की दृष्टि में गिराने के लिए साधारण अपराधों के लिए भी उन्हें कठोर दंड दिया जाने लगा। कुछ कूटनीति के द्वारा तथा शेष विश देकर सफाया बिंगबन विनियमित है कराया गया। इस प्रकार बलबन ने कठोर एवं बर्बर तरीकों से 40 मंडल का दमन किया।
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