उन्होंने कहा, 'हम अपनी औद्योगिक और विदेश व्यापार नीति को अंतिम रूप दे रहे हैं. हम वित्त मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि विदेशी निवेशकों के लिए औद्योगिक नीति को आकर्षक बनाया जा सके.'

क्या भारत में ईज ऑफ डूइंग (व्यापार करने में आसानी) है? जानिए सच्चाई

भारत एक अरब से अधिक की आबादी वाला दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, और एक तेजी से विकसित होने वाला देश है। यह दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा सकल घरेलू उत्पाद है। लेकिन विदेशी व्यवसायों और निवेशकों के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण बाजार है।

विश्व बैंक, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी के कारण भारत के विकास के अनुमानों को घटा दिया है। लेकिन, भारत में फाइनेंस की सुविधा आसान हुई है। जिससे बिजनेस लोन आसानी से व्यापारी को मिल जाता है।

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भारत में ईज ऑफ डूइंग (व्यापार करने में आसानी)

विश्व बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस – Ease Of Doing Business (ईओडीबी) रिपोर्ट, 2020 के अनुसार 190 देशों में भारत 63वें स्थान पर है, जिसमें एक सर्वेक्षण किया गया था। यह पिछले वर्ष की तुलना में 14 स्थानों का सुधार है। हालांकि, एक अन्य सर्वेक्षण में, ईज ऑफ स्टार्टिंग बिजनेस, भारत 136वें स्थान पर है।

यह डूइंग बिजनेस रिपोर्ट डिस्टेंस टू फ्रंटियर के आधार पर देशों को रैंक करती है, जो भारत और दुनिया के विभिन्न देशों में वैश्विक सर्वोत्तम अभ्यास के बीच के अंतर को मापता है। एक उच्च रैंकिंग व्यवसायों के लिए सरल नियमों को इंगित करती है। भारत इस रैंकिंग में सबसे ज्यादा सुधार करने वाले शीर्ष 20 देशों में शामिल है। वास्तव में, भारत लगातार तीसरे वर्ष शीर्ष 10 में शामिल है।

यह रिपोर्ट निम्नलिखित मानदंडों पर आधारित थी-

भारत व्यापार करने के लिए एक अच्छी जगह क्यों है?

इस आर्टिकल में, हम आपको बताएंगे कि भारत ईज ऑफ डूइंग (व्यापार करने में आसानी) के लिए एक अच्छा देश क्यों और कैसे है।

स्थिर अर्थव्यवस्था

2021 के बजट में 2022 तक 3 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी की परिकल्पना की गई थी। भारत की 6-7% की वार्षिक जीडीपी वृद्धि पिछले एक दशक में दुनिया में सबसे अधिक है। सरकार ने 2019 में 1.5 ट्रिलियन डॉलर के लिए नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी) नामक एक निवेश योजना की घोषणा की थी। एजेंडा बुनियादी ढांचे और सामाजिक अपने छोटे व्यवसाय के लिए विदेशी मुद्रा व्यापार क्षेत्रों में विदेशी निवेश की सुविधा प्रदान करना है।

स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित करना

भारत खुद को एक शीर्ष स्टार्ट-अप गंतव्य के रूप में पेश कर रहा है अपने छोटे व्यवसाय के लिए विदेशी मुद्रा व्यापार और दुनिया भर के देशों को यहां व्यवसाय शुरू करने के लिए आमंत्रित कर रहा है। स्टार्टअप इंडिया 2016 में स्टार्ट-अप संस्कृति को बढ़ावा देने और भारत में व्यवसाय शुरू करने के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए शुरू की गई एक पहल थी। सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्ट-अप की संख्या अब तक 50,000 है।

पीयूष गोयल ने इंडस्ट्री को सख्त फैसलों के लिए तैयार रहने को कहा, ट्रेड वॉर को बताया अवसर

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (फोटो: PTI)

  • 13 सितंबर 2019,
  • (अपडेटेड 13 सितंबर 2019, 10:55 AM IST)

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि उद्योग जगत के लोग मुक्त व्यापार समझौतों (FTA) से डरें नहीं और दुनिया का सामना आत्मविश्वास के साथ करें. उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यापार में अपनी मौजूदगी बढ़ानी है तो सख्त फैसलों के लिए तैयार रहना होगा.

बोर्ड ऑफ ट्रेड की दूसरी बैठक को संबोधित करते हुए दिल्ली में गुुुरुवार को पीयूष गोयल ने कहा कि जरूरी नहीं कि सभी आयात बुरे हों और हमें जरूरी और गैर जरूरी में बांटकर आयात की इजाजत देनी होगी ताकि देश की जनता की मदद हो सके. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का मुक्त व्यापार समझौतों के बारे में यह सकारात्मक संकेत ऐसे समय में आया है, जब पूर्वी दुनिया के 16 देशों के प्रतिनिधि एक बड़े व्यापारिक समझौते- द रीजनल कॉम्प्रीहेन्सिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (RCEP) को अंतिम रूप देने के लिए 14-15 सितंबर को दिल्ली में बैठक करने जा रहे हैं.

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने किया रुपये का अंतरराष्ट्रीयकरण, जानें- क्या है इसका मतलब और आगे की चुनौतियां?

Updated: July 13, 2022 11:08 अपने छोटे व्यवसाय के लिए विदेशी मुद्रा व्यापार AM IST

Rupee

RBI Internationalizes Rupee: दो दिन पूर्व भारत के केंद्रीय बैंक आरबीआई ने घोषणा की कि वह रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार सेटिलमेंट के लिए एक सिस्टम स्थापित कर रहा है. यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया अपने छोटे व्यवसाय के लिए विदेशी मुद्रा व्यापार है. आरबीआई ने कहा कि सिस्टम को “निर्यात पर जोर देने के साथ वैश्विक व्यापार के विकास को बढ़ावा देने” के लिए डिज़ाइन किया गया है.

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आरबीआई ने कहा कि भारत से निर्यात पर जोर देने के साथ वैश्विक व्यापार के विकास को बढ़ावा देने के लिए और INR में वैश्विक व्यापारिक समुदाय के बढ़ते हित का समर्थन करने के लिए, चालान, भुगतान और निर्यात के सेटिलमेंट के लिए एक अतिरिक्त व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया अपने छोटे व्यवसाय के लिए विदेशी मुद्रा व्यापार है कि आयात भी भारतीय मुद्रा यानी कि रुपये में किया जाए.

रुपये अपने छोटे व्यवसाय के लिए विदेशी मुद्रा व्यापार में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समझौते का क्या है मतलब?

भारतीय रिजर्व बैंक ने विदेशी अपने छोटे व्यवसाय के लिए विदेशी मुद्रा व्यापार अपने छोटे व्यवसाय के लिए विदेशी मुद्रा व्यापार मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (FEMA) के तहत रुपये में सीमा पार व्यापार लेनदेन के लिए व्यापक रूपरेखा का विस्तार किया है.

  1. इस व्यवस्था के तहत सभी निर्यात-आयात और चालान रुपये में किए जा सकते हैं.
  2. दो व्यापारिक भागीदार देशों की मुद्राओं के बीच विनिमय दरें बाजार द्वारा निर्धारित की जा सकती हैं.
  3. इस व्यवस्था के तहत व्यापार लेनदेन का निपटान रुपये में होना चाहिए.

आयात और निर्यात के लिए क्या है इसका मतलब?अपने छोटे व्यवसाय के लिए विदेशी मुद्रा व्यापार

  • इस तंत्र के माध्यम से आयात करने वाले भारतीय आयातकों को रुपये में भुगतान करने की आवश्यकता होगी, जिसे विदेशी विक्रेता या आपूर्तिकर्ता से माल अपने छोटे व्यवसाय के लिए विदेशी मुद्रा व्यापार या सेवाओं की आपूर्ति के लिए चालान के खिलाफ भागीदार देश के संवाददाता बैंक के विशेष वोस्ट्रो खाते में जमा किया जाना चाहिए.
  • इसी तरह, इस सिस्टम के जरिए वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात करने वाले भारतीय निर्यातकों को भागीदार देश के संपर्ककर्ता बैंक के निर्दिष्ट विशेष वोस्ट्रो खाते में शेष राशि से रुपये में निर्यात आय का भुगतान किया जाना चाहिए.

पीयूष गोयल ने इंडस्ट्री को सख्त फैसलों के लिए तैयार रहने को कहा, ट्रेड वॉर को बताया अवसर

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (फोटो: PTI)

  • 13 सितंबर 2019,
  • (अपडेटेड 13 सितंबर 2019, 10:55 AM IST)

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि उद्योग जगत के लोग मुक्त व्यापार समझौतों (FTA) से डरें नहीं और दुनिया का सामना आत्मविश्वास के साथ करें. उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यापार में अपनी मौजूदगी बढ़ानी है तो सख्त फैसलों के लिए तैयार रहना होगा.

बोर्ड ऑफ ट्रेड की दूसरी बैठक को संबोधित करते हुए दिल्ली में गुुुरुवार को पीयूष गोयल ने कहा कि जरूरी नहीं कि सभी आयात बुरे हों और हमें जरूरी और गैर जरूरी में बांटकर आयात की इजाजत देनी होगी ताकि देश की जनता की मदद हो सके. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का मुक्त व्यापार समझौतों के बारे में यह सकारात्मक संकेत ऐसे समय में आया है, जब पूर्वी दुनिया के 16 देशों के प्रतिनिधि एक बड़े व्यापारिक समझौते- द अपने छोटे व्यवसाय के लिए विदेशी मुद्रा व्यापार रीजनल कॉम्प्रीहेन्सिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (RCEP) को अंतिम रूप देने के लिए 14-15 सितंबर को दिल्ली में बैठक करने जा रहे हैं.

खत्म होगी डॉलर की बादशाहत, वैश्विक स्तर पर व्यापार के लिए उपलब्ध होगा डिजिटल रूपी

नई दिल्ली : आरबीआई ने हाल ही में डिजिटल रूपी पेश किया है। इस ऐतिहासिक कदम से न सिर्फ सरकार के डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी बल्कि अमेरिकी डॉलर की बादशाहत को भी झटका लगेगा। जानकारों की मानें तो यूक्रेन युद्ध के बाद अमेरिका ने जिस तरह रूस के विदेशी मुद्रा भंडार पर पाबंदी लगा दी। इससे कई देश समझ गए कि वैश्विक स्तर पर व्यापार के लिए डॉलर पर निर्भर नहीं रहा जा सकता है।

डिजिटल मुद्रा दुनियाभर के देशों की यह चिंता कम कर सकता है। पहले ईरान और अब रूस ने जो रास्ता दिखाया है, उसका असर आने वाले दिनों में यह हो सकता है कि भारत अन्य देशों से कारोबार में रुपये में लेनदेन के विकल्प पर जोर देगा। इससे डॉलर पर निर्भरता कम होने के साथ निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।

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