Virtual या Digital करेंसी क्या है जानें
इसके कई नाम है दोस्तों इसे कई नामों से पुकारा जाता है जैसे वर्चुअल करेंसी(Virtual currency), डिजिटल करेंसी(digital currency) या ई-मुद्रा | यह मुद्रा दुनिया में प्रयुक्त होने वाले नोटों की तरह नहीं है| आप इसे अपनी जेब में नहीं रख सकते और ना ही आप अपने बैंक अकाउंट में जमा करके रख सकते हो| इसे क्रिप्टो करेंसी भी कहते हैं क्योंकि इसका इस्तेमाल करने और भुगतान करने के लिए क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल किया जाता है| एक उदाहरण के जरिए हम आप को समझाते हैं दोस्तों की क्रिप्टो करेंसी है क्या है|
जिस तरह से दोस्तों सोना और चांदी को आप दुनिया के किसी भी कोने में ट्रांसफर कर सकते हो और किसी भी प्रकार की करेंसी में कन्वर्ट कर सकते हो इन्हें बेच कर|
इसी तरह से क्रिप्टो करेंसी का भी इस्तेमाल होता है| दुनिया की सबसे पहली क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन है जिसका नाम आपने सुना ही होगा|
बिटकॉइन क्या है|
बिटकॉइन भी एक आभासी मुद्रा (virtual currency) है आप इसका इस्तेमाल केवल ऑनलाइन खरीदारी(online shoping) और लेनदेन के लिए कर सकते हैं आप ऐसे माइनिंग द्वारा कमा भी सकते हैं लेकिन इसकी माइनिंग करना इतना आसान नहीं है इसके लिए आपको एक अच्छा खासा कंप्यूटर होना चाहिए जिसमें एक हाई ग्राफिक कार्ड install होना चाहिए| इसे स्टोर करके रखने के लिए बॉयल बिटकॉइन वॉलेट की आवश्यकता पड़ती है इसे सतोशी नाकामोतो(satoshi nakamoto) ने बनाया था|
भारत में एक बिटकॉइन की कीमत कितनी है
1 बिटकॉइन आज (11/01/2021) 30,00000 भारतीय रूपए के बराबर है पिछले कुछ दिनों में इसकी कीमत बहुत ही जल्दी बढ़ी है 15 दिसंबर को इसकी कीमत लगभग 14 लाख के आसपास थी आज यह कीमत बढ़कर 30,00000 हो चुकी है| बिटकॉइन के भुगतान के लिए क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल किया जाता है|
Cryptocurrency : नहीं, डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी एक ही चीजें नहीं होती हैं, समझिए क्या है फर्क
पिछले कुछ सालों में डिजिटल करेंसी और डिजिटल वॉलेट्स का इस्तेमाल बड़े स्तर पर फैला है और क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता जानें वर्चुअल करंसी की दुनिया को से वर्चुअल करेंसी और वर्चुअल वॉलेट का कॉन्सेप्ट भी आ गया है. लेकिन ये सारी चीजें जितनी जल्दी हुई है, उससे थोड़ा भ्रम फैला है.
Cryptocurrency : अकसर लोग डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी को एक ही चीज समझ लेते हैं.
पिछले एक दशक में मॉनेटरी सिस्टम में डिजिटल क्रांति (Digitalization) आई है. खासकर डिजिटल करेंसी (Digital Currency) और डिजिटल वॉलेट्स का इस्तेमाल शुरू होकर बहुत बड़े स्तर पर फैल गया है. खासकर कोविड-19 फैलने के बाद लगे लॉकडाउन में डिजिटल वॉलेट्स और डिजिटल ट्रांजैक्शन को और भी बड़े स्तर पर लोगों को अपनाना पड़ा. और अब क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की बढ़ती लोकप्रियता से वर्चुअल करेंसी और वर्चुअल वॉलेट का कॉन्सेप्ट भी आ गया है. लेकिन ये सारी चीजें जितनी जल्दी-जल्दी हुई है, उससे थोड़ा भ्रम जरूर फैला जानें वर्चुअल करंसी की दुनिया को है.
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लोगों ने डिजिटल वॉलेट्स का इस्तेमाल डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी दोनों को रखने जानें वर्चुअल करंसी की दुनिया को के लिए शुरू कर दिया, और अकसर लोग क्रिप्टोकरेंसी को डिजिटल करेंसी कहते दिख जाते हैं, लेकिन इन दोनों में फर्क है.
1. डिजिटल करेंसी vs डिजिटल कॉइन
डिजिटल करेंसी सरकारी फ्लैट करेंसी यानी रुपया, डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म को कहते हैं. डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल कॉन्टैक्टलेस पेमेंट करने में किया जाता है, जैसे कि आप जब अपने बैंक अकाउंट से किसी और के बैंक अकाउंट में पैसे भेजते हैं या फिर अपने फोन में किसी पेमेंट ऐप का इस्तेमाल कर रहे होते हैं, तो आप फ्लैट मनी में ही ट्रांजैक्शन कर रहे होते हैं, लेकिन फ्लैट मनी के ही इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म को ही डिजिटल करेंसी कहते हैं. जब आप इसी पैसे को एटीएम से निकाल लेते हैं, तो वो कैश बन जाता है.
लेकिन क्रिप्टोकरेंसी एक वर्चुअल करेंसी है, इसका कोई फिजिकल फॉर्म नहीं है, आप इसे छू नहीं सकते हैं. इसकी वैल्यू इसे असाइन की गई कीमत में है. इन्हें डिजिटल कॉइन्स भी कहते हैं. क्रिप्टो इकोसिस्टम में बिटकॉइन, ईथर और डॉजकॉइन जैसी कई दूसरी डिजिटल कॉइन्स हैं. इन कॉइन्स को हाई-फाई कंप्यूटरों पर ऑनलाइन माइनिंग के जरिए जेनरेट किया जाता है और अधिकतर देशों में इनपर कोई सरकारी नियमन नहीं है. ये एडवांस्ड ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम करती हैं और कह सकते जानें वर्चुअल करंसी की दुनिया को हैं कि ये खुद का नियमन खुद करती हैं.
2. दोनों की सिक्योरिटी और इस्तेमाल
डिजिटल करेंसी को एन्क्रिप्शन की जरूरत नहीं पड़ती है, लेकिन हां, यूजर्स को अपने डिजिटल वॉलेट्स यानी की बैंकिंग ऐप या पेमेंट ऐप्स को स्ट्रॉन्ग पासवर्ड के जरिए सेफ रखना पड़ता है. इसके अलावा डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड को पासवर्ड के जरिए सुरक्षित रखना होता है. डिजिटल करेंसी का जानें वर्चुअल करंसी की दुनिया को इस्तेमाल किसी भी उपलब्ध ऑनलाइन माध्यम से और हर उस चीज के लिए किया जा सकता है, जिसके लिए नकदी की जरूरत पड़ती है.
वहीं, क्रिप्टोकरेंसी को सुरक्षा के लिए बहुत मजबूत जानें वर्चुअल करंसी की दुनिया को और जटिल एन्क्रिप्शन की जरूरत पड़ती है. क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग करने या इसे खरीदने-बेचने के लिए सबसे पहले तो आपके पास बैंक अकाउंट और डिजिटल करेंसी की जरूरत पड़ेगी. उसके बाद आपको किसी क्रिप्टो एक्सचेंज पर ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा. वहां से डिजिटल करेंसी से क्रिप्टोकरेंसी खरीदनी होगी, उसके बाद आप क्रिप्टोकरेंसी में निवेश शुरू करेंगे.
अगर इसके इस्तेमाल की बात करें तो क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल अभी व्यापक नहीं है. ऑफलाइन दुनिया में इस ऑनलाइन करेंसी को अपनाया नहीं गया है. हालांकि, बहुत सी कंपनियों ने क्रिप्टो में पेमेंट लेना शुरू कर दिया है. वहीं, खुद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी कहा है कि वो चरणबद्ध तरीके से अपना क्रिप्टोकॉइन लाएगा.
3. डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी का नियमन
जैसाकि हम पहले कह चुके हैं, डिजिटल करेंसी फ्लैट मनी का ही इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म है, ऐसे में इसका नियमन भी वही संस्थाएं देखती हैं जो फ्लैट करेंसी का नियमन देखती हैं. फ्लैट करेंसी की एक निश्चित नियामक संस्था होती है, जो मौद्रिक नीतियां बनाती है और मॉनेटरी सिस्टम पर कंट्रोल रखती हैं. भारत में रुपया का नियम रिजर्व बैंक देखता है, वहीं डिजिटल करेंसी के ट्रांजैक्शन को संबंधित अथॉरिटी देखती है.
लेकिन वहीं, क्रिप्टोकरेंसी एक डिसेंट्रलाइज़्ड सिस्टम पर बना हुआ है, यानी इसका कोई एक नियामक बिंदु नहीं है, जहां से इसपर नियंत्रण रखा जाता है या फिर इसपर नियम कानून लागू किए जाते हैं. इसे कोई एक संस्था नियमित नहीं करती है. क्रिप्टो मार्केट में जितने भी ट्रांजैक्शन होते हैं, उन्हें हर कोई देख सकता है. इसके लिए एक पब्लिक लेज़र जानें वर्चुअल करंसी की दुनिया को होता है, जो सबके लिए कहीं भी उपलब्ध रहता है.
4. दोनों की स्थिरता
डिजिटल करेंसी सामान्यतया स्थिर ही रहती है. करेंसी में हल्का-उतार चढ़ाव रहता है, जिससे बाजार में अचानक तूफान नहीं आता. ऊपर से विश्व भर में इसे मान्यता मिली हुई है तो इसके ट्रांजैक्शन में कोई दिक्कत नहीं आती है. वहीं, क्रिप्टोकरेंसी बाजार बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव का शिकार होता है. यहां पर बहुत ज्यादा अनिश्चितता होती है. वैसे भी क्रिप्टो अभी बहुत नया है. नये बाजार में अनिश्चितता और उतार-चढ़ाव रहना बहुत ही सामान्य बात है.
5. पारदर्शिता
डिजिटल करेंसी या फ्लैट करेंसी का सिस्टम बहुत ही प्राइवेट है. इसके ट्रांजैक्शन की जानकारी बस सेंडर, रिसीवर और बैंकिंग अथॉरिटी को रहती है. वहीं, क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में जो भी ट्रांजैक्शन हो रहा है, उसकी जानकारी सबको होती है. सभी ट्रॉन्जैक्शन पब्लिक लेज़र यानी बहीखाते में दर्ज होते हैं. इससे सिस्टम में पारदर्शिता बनी रहती है.
बिटकॉइन से फिलहाल कोई खतरा नहीं: सेबी चीफ
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन अजय त्यागी ने बुधवार को यह बात कही। त्यागी यहां उद्योग चैंबर सीआईआई की ओर से आयोजित फाइनेंशियल मार्केट समिट को संबोधित कर रहे थे। अभी तक बिटकॉइन जैसी जानें वर्चुअल करंसी की दुनिया को क्रिप्टो करेंसी को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) या किसी अन्य नियामक ने मंजूरी नहीं दी है। इस वर्चुअल करेंसी का इस्तेमाल करके बैंक के बगैर दुनिया के किसी कोने में किसी व्यक्ति को भुगतान किया जा सकता है।
त्यागी ने कहा, ‘बिटकॉइन के मामले में केंद्र सरकार आरबीआई और सेबी के साथ विचार-विमर्श कर रही है। साथ ही पैनल इस संबंध में सोच-विचार कर रहा है। इस कमेटी में वित्त और सूचना प्रद्यौगिकी मंत्रालय के प्रतिनिधि शामिल हैं। हालांकि, ब्लॉकचेन एक उपयोगी तकनीक है। इसे प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इस पर कोई नियामक नहीं होना चाहिए। हम भी इसे प्रोत्साहित कर रहे हैं।’ ब्लॉकचेन तकनीक का इस्तेमाल बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टो करेंसी में लेनदेन के लिए किया जाता है।
नियामक और सरकारी एजेंसियां इस बात को लेकर दुविधा में है कि अगर बिटकॉइन को टैक्स दायरे में लाया गया तो इसका मतलब वर्चुअल करेंसी को कानूनी दर्जा देने जैसा होगा। जहां तक इससे जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग व आतंकी फंडिंग जैसे जोखिमों का सवाल है, तो इस पर कोई सहमति नहीं बन पाई है। हाल ही में आयकर विभाग ने नौ शहरों में बिटकॉइन एक्सचेंजों पर छापे मारे थे।
इसके बाद यहां मिले दस्तावेजों के आधार पर बीते दिनों विभाग ने 4-5 लाख अमीरों को नोटिस जारी कर दिए। जिस तेजी से बिटकॉइन की कीमत में वृद्धि हो रही है, उससे इसके जरिये टैक्स जानें वर्चुअल करंसी की दुनिया को चोरी किए जाने की आशंका भी बढ़ गई है। इसके जरिये कोई भी ट्रांजैक्शन कर सकता है, क्योंकि इसके लिए किसी रजिस्ट्रेशन अथवा आईडी की जरूरत नहीं पड़ती।
उठापटक के दौर से जानें वर्चुअल करंसी की दुनिया को गुजर रहा है बिटकॉइन-
फिलहाल बिटकॉइन मूल्य के लिहाज से भारी उठापटक से गुजर रही है। इसी जानें वर्चुअल करंसी की दुनिया को हफ्ते एक समय यह 20,000 डॉलर तक पहुंच गई थी। इस सबसे ज्यादा लोकप्रिय डिजिटल और वर्चुअल करेंसी की प्रति यूनिट कीमत बुधवार को एशियाई कारोबार में 15 फीसद तक लुढ़क गई।
दक्षिण कोरिया में बिटकॉइन एक्सचेंज के हैक होने और अमेरिकी अधिकारियों द्वारा इससे जुड़े एक शेयर में कारोबार निलंबित करने की वजह से इसमें पैसा लगाने वाले चिंता में आ गए। नतीजतन इस क्रिप्टो करेंसी में भारी गिरावट आई। यह बीते दिन के 18,000 डॉलर प्रति यूनिट से घटकर बुधवार के कारोबार में एक समय 15,815 डॉलर के स्तर पर आ गई।
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