यह इसलिए जरूरी है क्योंकि अगर शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आ गई तो आपको भारी नुकसान पहुंच सकता है. वेल्थ मैनेजर्स को किस एसेट क्लास में निवेश भी मानना है कि एसेट एलोकेशन में चिपके रहना आपके वित्तीय लक्ष्यों की राह में रोड़ा हैं.
Investment Tips : क्या होता है एसेट एलोकेटर फंड, बाजार के उतार-चढ़ाव से बचाकर कैसे तगड़ा रिटर्न देता है यह विकल्प
एसेट एलोकेशन फंड आपके निवेश को विभिन्न एसेट में बांटकर बेहतर रिटर्न देता है.
शेयर बाजार में जारी उतार-चढ़ाव का म्यूचुअल फंड पर भी बड़ा असर पड़ता है. ऐसे में निवेशकों के सामने बड़ी चुनौती सही समय . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : June 26, 2022, 12:20 IST
नई दिल्ली. शेयर बाजार में आ रहे उतार-चढ़ाव का असर म्युचुअल फंड के निवेश पर भी दिखने लगा है और इक्विटी एक्सपोजर में कमी आई है. इसका सबसे बड़ा कारण निवेशकों की जानकारी का अभाव है. उन्हें पता ही नहीं होता कि किस समय किस तरह के एसेट क्लास में निवेश करना चाहिए.
निवेशकों की इसी उलझन को दूर करता है एसेट एलोकेटर फंड. जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है कि यह आपके निवेश को विभिन्न एसेट क्लास में आवंटित करता है. ऐसे में इस फंड का चुनाव करने वालों को यह चिंता नहीं रहती है कि उन्हें कब किस एसेट में पैसे लगाने चाहिए और कब उससे बाहर निकलना चाहिए. ऐसी मुश्किलों का हल एसेट एलोकेटर फंड करता है. वैसे तो बाजार में इस तरह के कई फंड हैं, लेकिन पिछले कुछ साल से आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के इस फंड ने दमदार प्रदर्शन किया है.
Money Guru: किस एसेट क्लास में कितना निवेश सही? यहां समझें 12:20:80 स्ट्रैटेजी, मिलेगा किस एसेट क्लास में निवेश बेहतर रिटर्न
Money Guru:अगर आपके पोर्टफोलियो में सही एसेट एलोकेशन होगा तो आपको रिटर्न भी ज्यादा मिलेगा. लेकिन क्या आप एसेट एलोकेशन स्ट्रैटेजी (Strategy of किस एसेट क्लास में निवेश Asset Allocation) को समझते हैं?
हाई इनकम है तो डेट म्यूचुअल फंड में निवेश करें.
Money Guru: निवेश में एसेट एलोकेशन स्ट्रैटेजी बेहद मायने रखती है. अगर आपके पोर्टफोलियो में सही एसेट एलोकेशन होगा तो आपको रिटर्न भी ज्यादा मिलेगा. लेकिन क्या किस एसेट क्लास में निवेश आप एसेट एलोकेशन स्ट्रैटेजी (Strategy of Asset Allocation) को समझते हैं? क्या आपको पता है कि किस एसेट क्लास में कितना निवेश सही है? क्वांटम AMC के सीआईओ चिराग मेहता और आनंदराठी वेल्थ मैनेजमेंट के डिप्टी सीईओ फिरोज अजीज से जानते हैं कि आखिर एसेट एलोकेशन की 12:20:80 स्ट्रैटेजी क्या है और यह कैसे निवेश की रणनीति तय करता है.
Explainer: किसे कहते हैं एसेट एलोकेशन? पोर्टफोलियो में रिस्क और रिटर्न को कैसे बैलेंस करता है यह?
यह जोखिम को कम करता है और ज्यादा रिटर्न दिलाने के दरवाजे खोलता है.
Asset Allocation-एक निवेशक की निवेश यात्रा में एसेट एलोकेशन को सबसे अच्छा मित्र माना जाता किस एसेट क्लास में निवेश है. एसेट एलोकेशन न केवल जोखि . अधिक पढ़ें
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- Last Updated : November 09, 2022, 07:00 IST
एसेट एलोकेशन का कोई तय पैटर्न नहीं है.
वित्तीय लक्ष्य हासिल करने में एसेट एलोकेशन का महत्वपूर्ण भूमिका है.
एसेट एलोकेशन बढिया रिटर्न दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
नई दिल्ली. अगर आप निवेशक हैं तो एसेट एलोकेशन (Asset Allocation) का महत्व समझना आपके लिए बहुत जरूरी है. साधारण शब्दों में कहें अपने पैसे को इक्विटी, गोल्ड, बांड या ऐसे दूसरे एसेट क्लास में बांटना ही एसेट अलोकेशन है. आपके पोर्टफोलियो में एसेट एलोकेशन बेहद मायने रखता है. सही एसेट एलोकेशन आपकी बेहतर कमाई करा सकता है. यह रिस्क और किस एसेट क्लास में निवेश रिटर्न, दोनों में बैलेंस बनाने में बहुत काम आता है. यह जोखिम को कम करता है और ज्यादा रिटर्न दिलाने के दरवाजे खोलता है.
निवेश में रिस्क फैक्टर को घटाना है? एक्सपर्ट से किस एसेट क्लास में निवेश जानें किस एसेट क्लास में मिलेगा मुनाफा
Money Guru: नवरात्रि पर हम आपके लिए लेकर आए हैं निवेश के 9 मंत्र. इस कड़ी आज आपको जानने को मिलेगा अपने निवेश में रिस्क को कम करने के लिए एसेट एलोकेशन का गुर.
Money Guru: क्या आपको भी अपने इन्वेस्टमेंट में रिस्क फैक्टर को कम करना है या अनिश्चित बाजार में मुनाफा कमाना है? तो इसके लिए आपको समझना होगा किस एसेट क्लास में निवेश करने के आपको मौजूदा बाजार में फायदा मिल सकता है. नवरात्रि में निवेश के 9 मंत्र की इस सीरिज में आज आपको जानने को मिलेगा एसेट एलोकेशन का मंत्र. इसमें आपको जानने को मिलेगा कि इस समय किन एसेट क्लास में निवेश से मिलेगा तगड़ा मुनाफा. इसके साथ ही पोर्टफोलियो में रिस्क और रिटर्न के लिहाज से किस एसेट क्लास में कितना एक्सोपजर रखें. फिनवाइज की फाउंडर प्रतिभा गिरीश और आनंदराठी वेल्थ मैनेजमेंट की हेड श्वेता रजानी आपको बताएंगी इसके बारे में सब कुछ.
निवेश में एसेट एलोकेशन का क्या है मतलब ?
एसेट एलोकेशन से फायदा होता है कि अगर एक इंस्ट्रूमेंट में उतार-चढ़ाव होता है तो दूसरे में फायदा होता है. उदाहरण के तौर पर अगर शेयर बाजार में गिरावट आई तो हो सकता है सोने में उतनी गिरावट न आकर तेजी ही आए.
हर निवेशक के हिसाब से एसेट एलोकेशन अलग-अलग होता है. उदाहरण के तौर पर एक एग्रेसिव इन्वेस्टर 75 फीसदी पैसा इक्विटी म्यूचुअल फंड्स, 20 फीसदी एफडी और 5 फीसदी सोने में निवेश कर सकता है.
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