Photo - Hombale Films Twitter

Hombale Films ‘KGF’ जैसी फिल्में बनाने वाली होम्बाले फिल्म्स करेगी भारतीय फिल्मोद्योग में 3000 करोड़ रुपये का निवेश

Hombale Films

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मुंबई : कन्नड़ (Kannada) ब्लॉकबस्टर ‘केजीएफ’ (KGF) और ‘कांतारा’ (Kantara) फिल्में बनाने वाले प्रोडक्शन हाउस होम्बाले फिल्म्स (Hombale Films) ने अगले पांच सालों में भारतीय मनोरंजन उद्योग में 3000 करोड़ रुपये का निवेश करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। होम्बाले फिल्म्स के संस्थापक विजय किरागांडुर ने बताया कि कंपनी सभी दक्षिण भारतीय भााषाओं में फिल्में बनाने की योजना बना रही है। उन्होंने मीडिया के साथ एक साक्षात्कार में कहा, ‘हमारा इरादा अगले पांच सालों में भारत में मनोरंजन उद्योग में 3000 करोड़ रुपये निवेश करने का है।

हमारा मानना है कि मनोरंजन उद्योग और विकास करेगा।’ उन्होंने कहा, ‘यह मिली जुली कहानियां होंगी। हर साल पांच छह फिल्में होंगी जिनमें एक बहुत बड़ी फिल्म होगी। फिलहाल हमारी योजना सभी दक्षिण (भारतीय) भाषाओं में फिल्में बनाने की है।’ निर्माता ने कहा कि लक्ष्य सांस्कृतिक जड़ों वाली कहानियों के माध्यम से अधिकाधिक दर्शकों तक पहुंचना है। उन्होंने कहा, ‘हम कुछ ऐसा बनाना चाहते हैं जिसे वैश्विक दर्शक पसंद करें, लेकिन हम यह भी चाहते हैं कि इसकी जड़ें हमारी संस्कृति एवं परंपरा में हों। हम अपनी युवा पीढ़ी के लिए कुछ छोड़कर जाना चाहते हैं। हम भारतीय अर्थव्यवस्था में भी योगदान करना चाहते हैं।’

दर्शक वर्ग को विस्तार देने के इरादे से बेंगलुरु की इस निर्माता कंपनी ने हिंदी फिल्मोद्योग के कुछ लेखकों एवं फिल्मकारों के साथ हाथ मिलाने का फैसला किया है। उसका ब्योरा देने से इनकार करते हुए होम्बाले फिल्म्स के पार्टनर चौलुवे गौड़ा ने कहा कि उन्होंने इस बैनर तले फिल्में लिखने के लिए बॉलीवुड से दो जाने-माने लेखकों को अपने साथ लिया है।

उन्होंने कहा, ‘हम हिंदी में दो-तीन लेखकों के साथ काम कर रहे हैं…. जब कहानी तैयारी हो जाएगी तो हम निर्देशक एवं अभिनेता-अभिनेत्री ढूढेंगे। हम पहले लेखकों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, क्योंकि वे ऐसे लोग हैं जो कहानी रचते हैं।’ कंपनी की अगली अखिल भारतीय फिल्म ‘सालार’ 28 सितंबर को रिलीज होने वाली हैं। जिसमें प्रभास मुख्य किरदार में हैं। (एजेंसी)

Rabi Season: अगले साल कम होगा आटे का भाव, रबी सीजन में अब तक गेहूं की बुवाई 3% बढ़ी, तिलहन खेती का रकबा 8% बढ़ा

Rabi Season: गेहूं की बुवाई के रकबे में बढ़ोतरी की खबर मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात, पश्चिम बंगाल, झारखंड और कर्नाटक से मिली है. महाराष्ट्र और हरियाणा में अब तक रकबा कम है.

चालू रबी सीजन में गेहूं का रकबा 3% बढ़कर 286.5 लाख हेक्टेयर हो गया है. (Photo- Pixabay)

Rabi Season: चालू रबी सीजन में गेहूं का रकबा (Wheat sowing) 3% बढ़कर 286.5 लाख हेक्टेयर हो गया है. इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में बुवाई के रकबे का बढ़ना है. सरकार के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है. रबी सत्र की प्रमुख फसल गेहूं का रकबा पिछले साल इसी अवधि में 278.25 लाख हेक्टेयर था. रबी फसलों की बुवाई अक्टूबर से शुरू हो जाती है. गेहूं की बुवाई के रकबे में बढ़ोतरी की खबर मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात, पश्चिम बंगाल, झारखंड और कर्नाटक से मिली है. महाराष्ट्र और हरियाणा में अब तक रकबा कम है.

गर्मी और लू की वजह से कम हुआ था गेहूं का उत्पादन

गेहूं के बुवाई क्षेत्र में बढ़ोतरी से अधिक उत्पादन हो सकता है बशर्ते मौसम इस फसल के विकास के लिए अनुकूल बना रहे. फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) में गेहूं का घरेलू उत्पादन पिछले वर्ष के 10 करोड़ 95.9 लाख टन से घटकर इस बार 10 करोड़ 68.4 लाख टन रह गया, जिसका कारण कुछ उत्पादक राज्यों में गर्मी का बढ़ना और लू चलना था.

कीमतों को काबू में करने के लिए सरकार गेहूं के निर्यात पर लगाया था प्रतिबंध

इस साल मई में सरकार ने घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. घरेलू उत्पादन में गिरावट और निजी पक्षों की तरफ से आक्रामक खरीद के कारण विपणन वर्ष 2022-23 में सरकारी स्वामित्व वाली एफसीआई की गेहूं खरीद पहले के 434.44 लाख टन से घटकर इस बार 187.92 लाख टन रह गई.

धान-दलहन और तिलहन का रकबा बढ़ा

16 दिसंबर तक के आंकड़ों के मुताबिक, धान का रकबा 11.13 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 12.64 लाख हेक्टेयर हो गया है. अभी तक पहले के 134.01 लाख हेक्टेयर के मुकाबले अब 139.68 लाख हेक्टेयर में दलहन की बुवाई की जा चुकी है, जिसमें चना खेती का रकबा पहले के 94.97 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 97.9 लाख हेक्टेयर हो गया है. मोटे अनाज का रकबा पहले के 38.37 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 41.34 लाख हेक्टेयर हो गया है.

गैर-खाद्यान्न श्रेणी में तिलहन का रकबा पहले के 90.51 लाख हेक्टेयर से बढ़कर अब 97.94 लाख हेक्टेयर हो गया है. रबी सत्र की प्रमुख तिलहनी फसल सरसों का रकबा पहले के 83.18 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 89.99 लाख हेक्टेयर हो गया है. भारत अपनी खाद्य तेलों की जरूरत का करीब 60% आयात करता है. इसलिए सरसों के रकबे में बढ़ोतरी से सरसों तेल के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा.

रबी फसलों के अंतर्गत कुल रकबा पिछले वर्ष की इसी अवधि के 552.28 लाख हेक्टेयर से बढ़कर अब तक 578.10 लाख हेक्टेयर हो गया है.

क्या प्राइवेट होने जा रहे हैं सरकारी बैंक? केंद्र सरकार की इसको लेकर क्या प्लानिंग है? लोकसभा में शेयर की गई पूरी डीटेल्स

Privatisation of Government Banks: क्या केंद्र सरकार बैंकों के प्राइवेटाइजेशन को लेकर कोई तैयारी कर रही है? सरकार मुख्य निवेश नियम ने इस बारे में लोकसभा में जानकारी दी है.

Privatisation of Government Banks: सरकार ने सोमवार को बताया कि वह संबंधित विभाग और रेगुलेटर से परामर्श लेने के बाद सरकारी बैंकों के प्राइवेटाइजेशन पर विचार करेगी. वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड (Bhagwat Karad) ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि भारत सरकार के (कारोबार का लेनदेन) नियम, 1961 के मुताबिक, स्टैटजिक सेल्स से जुड़े विनिवेश संबंधित मुद्दों पर विचार और चयन करना नियम और शर्तों आदि पर निर्णय का काम कैबिनेट समिति को सौंपा गया है. इसलिए इस तरह के फैसलों पर विचार करने से पहले संबंधित मंत्रालयों और विभागों के साथ, संबंधित रेगुलेटरों के साथ परामर्श किया जाता है.

दो बैंकों के प्राइवेटाइजेशन का ऐलान

कराड ने बताया कि सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के आम बजट में दो सरकारी बैंकों के प्राइवेटाइजेशन की मंशा जताई थी, जिसे लेकर सरकार को स्टैटजिक डिसइन्वेस्टमेंट की पॉलिसी को मंजूरी मिल गई थी. सरकार की इस पॉलिसी का उद्देश्य प्राइवेट कैपिटल लाकर पब्लिक सेक्टर के उद्यमों का विकास करना था, जिससे आर्थिक विकास और नई नौकरियों में योगदान और सामाजिक क्षेत्रों को फाइनेंसिंग और सरकार के विकास के कार्यक्रम शामिल हैं.

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बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) किसी बैंक को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (PSB) या निजी क्षेत्र के बैंक (PVB) के रूप में क्लासिफाई करता है.

NPA पर क्या है बैंकों का हाल

कराड ने एक दूसरे सवाल के जवाब में कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने साल 2019 से लेकर 2022 (30.11.2022 तक) के दौरान 135 कंपनियों या फर्मों या व्यक्तियों के खिलाफ पैसा दोगुना/ बढ़ाने का लालच देकर लोगों को फंसाने के 102 मामले दर्ज किए हैं. जबकि एक और सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि सरकारी बैंकों का Gross NPA 2018 में 8,95,601 करोड़ रुपये (14.58 प्रतिशत का सकल एनपीए अनुपात) तक पहुंच गया था. जिसकी मुख्य वजह RBI द्वारा की गई एसेट क्वालिटी रिव्यू थी. हालांकि सरकार की मान्यता, संकल्प, पुनर्पूंजीकरण और सुधारों की रणनीति के चलते 31 मार्च, 2022 तक NPA गिरकर 5,40,958 करोड़ रुपये (7.28 प्रतिशत का सकल एनपीए अनुपात) हो गई है

उन्होंने कहा कि सरकारी बैंकों के NPA में गिरावट एनपीए अकाउंट के अपग्रेडेशन, अकाउंट से वसूली और कम स्लिपेज के कारण हो सकती है. उन्होंने बताया कि पिछले पांच वित्तीय वर्षों में, सरकारी बैंकों (PSB) ने एनपीए खातों से 4,80,111 करोड़ रुपये की कुल वसूली की है और 1,45,356 करोड़ रुपये के NPA का अपग्रेडेशन किया है.

Year Ender 2022: कॉरपोरेट इंडस्ट्री में मुख्य निवेश नियम हुई बड़ी-बड़ी डील, पूरे साल चर्चा में रहे BIG Mergers- ये रही लिस्ट

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Zee Business हिंदी 1 दिन पहले तनुजा यादव

Year Ender 2022: साल 2022 अब खत्म होने को है. इस साल का अंत बस 1 हफ्ता दूर है और 1 सप्ताह बाद नया साल यानी साल 2023 शुरू हो जाएगा. इस साल कॉरपोरेट जगत में बड़े-बड़े मर्जर और अधिग्रहण (Merger & Acquisition) हुए. इसमें HDFC-HDFC Bank, Tata-Air India, Zomato-Blinkit समेत कई बड़ी-बड़ी कंपनियों की डील शामिल है. इन कंपनियों के कॉरपोरेट एक्शन से बाजार में तो तहलका मचा ही, साथ ही ये मर्जर लोगों और निवेशकों के लिए बड़ी मुख्य निवेश नियम खबर भी बने. बता दें कि देश में Merger & Acquisition एक्टिविटी अपने ऑल टाइम हाई यानी कि 148 बिलियन डॉलर का रहा है. साल 2022 के पहले नौ महीने में ये आंकड़ा पार कर लिया गया. इस साल किन कंपनियां का मर्जर हुआ है या किस कंपनी में कितना अधिग्रहण किया गया, यहां देखिए इसकी पूरी लिस्ट.

1. Tata की हुई Air India

इस साल जनवरी में देश की सबसे पुरानी और सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया (Air India) वापस टाटा ग्रुप में शामिल हुई. इसके अलावा टाटा ग्रुप (Tata Group) ने एयर एशिया और विस्तारा (Air Asia-Vistara Merger) के मर्जर का भी ऐलान किया था. बता दें कि टाटा ग्रुप ने पिछले साल अक्टूबर महीने में कंपनी को खरीद लिया था लेकिन ये अधिग्रहण जनवरी 2022 को पूरा हुआ. टाटा ग्रुप ने 18000 करोड़ रुपए की बोली के साथ ये अधिग्रहण किया.

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2. HDFC-HDFC Bank

देश की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी HDFC और देश का सबसे बड़ा निजी बैंक HDFC Bank का भी मर्जर इसी साल हुआ. ये साल 2022 की सबसे बड़ी फाइनेंशियल डील थी. ये 40 बिलियन डॉलर की डील थी. हालांकि इसके अगले साल जून तक प्रभावी होने की उम्मीद है. मर्जर के बाद विदेशी निवेशकों की लिमिट भी तय नियमों के मुताबिक ही रहेगा.

3. PVR-INOX Merger

एंटरटेनमेंट जगत में भी बड़ा विलय हुआ. भारत की बड़ी मल्टीप्लेक्स चैन PVR और आईनोक्स (Inox) का भी मर्जर इसी साल हुआ. 27 मार्च को मर्जर को लेकर बड़ी मीटिंग हुई और इस मीटिंग में कंपनी ने अधिग्रहण के लिए हामी भरी. इस विलय के बाद पीवीआर के सीएमडी अजय बिजली ही नई कंपनी के एमडी बने. अब इन दोनों कंपनियों की कुल मिलाकर 1500 स्क्रीन्स देश में हैं. देश भर में PVR कुल 860 स्क्रीन के साथ देश का सबसे बड़ा मल्टीप्लेक्स चेन है. वहीं आईनॉक्स लीजर (INOX Leisure) के पास कुल 667 स्क्रीन थे. कोरोनावायरस संक्रमण के दौरान थियेटर कई महीनों तक बंद रहे थे, जिसके बाद दोनों ही कंपनियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था.

4. Elon Musk and Twitter

इस साल की सबसे चर्चित डील एलन मस्क और माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर की रही. दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क ने 44 बिलियन डॉलर में ट्विटर को खरीदा और उसके बाद कंपनी में कई तरह के बदलाव किए. इसके लिए एलन मस्क और ट्विटर कंपनी के बीच काफी बहसबाजी भी हुई. कंपनी यहां तक कि एलन मस्क को कोर्ट ले गई लेकिन आखिर में एलन मस्क (Elon Musk) ने ट्विटर को खरीद लिया और पराग अग्रवार को बाहर का रास्ता दिखाया.

5. SONY-ZEE Merger

इस साल अक्टूबर महीनेम में फेयर ट्रेड रेगुलेटर इंडियन कंपटीशन कमीशन (CCI) ने ज़ी एंटरटेनमेंट (Zee Entertainment Enterprises Ltd) और सोनी पिक्चर्स (Sony Pictures Networks India) के मर्जर प्रस्ताव को कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दी. दोनों कंपनियों ने पिछले साल यानी 2021 में मर्जर का ऐलान किया था. मर्जर के बाद पुनीत गोयनका नई कंपनी के MD&CEO बने रहे. सोनी पिक्चर्स एंटरटेनमेंट मर्जर के बाद $157.5 Cr निवेश करेगी. निवेश की रकम का इस्तेमाल ग्रोथ के लिए किया जाएगा. मर्जर के बाद सोनी पिक्चर्स ही मेजॉरिटी शेयरहोल्डर होगी. इतना ही नहीं, विलय के बाद भी कंपनी भारतीय शेयर बाजार में लिस्टेड होगी.

6. Zomato-Blinkit Merger

इंडिया फूड एग्रीगेटर प्लैटफॉर्म जोमैटो ने क्विक कॉमर्स कंपनी ब्लिकंइट (Blinkit) का अधिग्रहण किया. ये डील 4447 करोड़ रुपए यानी कि 567 मिलियन डॉलर में हुई. बता दें कि जोमैटो मुख्य तौर पर फूड डिलिवरी के ही बिजनेस में है और ब्लिंकइट के जरिए आप ग्रॉसरी, फल-सब्जी समेत रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली चीजों की ऑनलाइन डिलिवरी करा सकते हैं.

7. Mindtree-LTI Merger

इसी साल माइंडट्री और L&T इंफोटेक कंपनी का भी मर्जर हुआ. नई कंपनी बनने के बाद LTIMindtree देश की 5वीं सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी बन गई. इस नई कंपनी की वैल्यूएशन 5.25 बिलियन डॉलर इस साल रही. 24 नवंबर से LTIMindtree के शेयर बाजार में ट्रेड होने शुरू हो गए. कंपनी के पास 90000 कर्मचारियों की संख्या है.

8. Adani Group & NDTV Merger

भारतीय मल्टीनेशनल कंपनी अडानी ने न्यूज चैनल एनडीटीवी में बड़ी हिस्सेदारी खरीदी. हालांकि ये डील काफी चर्चा में रही. इस डील की आलोचना घरेलू बाजार से लेकर अंतरराष्ट्रीय बाजार तक हुई. अडानी समूह ने आरआरपीआर का अधिग्रहण कर लिया था. आरआरपीआर के पास एनडीटीवी की 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

9. Adani Group & Ambuja Cement

इसी साल अडानी ग्रुप ने सीमेंट सेक्टर में भी अपने पैर पसारे और देश की लीडिंग कंपनी अंबुजा सीमेंट का अधिग्रहण किया. अंबुजा सीमेंट के अलावा अडानी ग्रुप ने कंपनी की सब्सिडियरी कंपनी एसीसी लिमिटेड में भी हिस्सेदारी खरीदी. आदित्य बिरला ग्रुप के अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी के बाद अडानी देश के दूसरे सबसे बड़े सीमेंट मैन्यूफैक्चर्र बन गए हैं.

Google के CEO ने कहा- भारत बड़ी निर्यात अर्थव्यवस्था होगा, मुक्त इंटरनेट से मिलेगा लाभ

दिग्गज इंटरनेट कंपनी गूगल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुंदर पिचाई ने भारत को एक बड़ी निर्यात अर्थव्यवस्था बताते हुए सोमवार को कहा कि इसे अपने नागरिकों को संरक्षण देने और कंपनियों को एक प्रारूप के भीतर नवाचार के लिए सक्षम बनाने के बीच संतुलन साधने की जरूरत है।

Google के CEO ने कहा- भारत बड़ी निर्यात अर्थव्यवस्था होगा, मुक्त इंटरनेट से मिलेगा लाभ

दिग्गज इंटरनेट कंपनी गूगल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुंदर पिचाई ने भारत को एक बड़ी निर्यात अर्थव्यवस्था बताते हुए सोमवार को कहा कि इसे अपने नागरिकों को संरक्षण देने और कंपनियों को एक प्रारूप के भीतर नवाचार के लिए सक्षम बनाने के बीच संतुलन साधने की जरूरत है।

Sundar Pichai Birthday: अमेरिका भेजने में लग गई थी पिता की एक साल की सैलरी, पढ़ें- सुंदर पिचाई के संघर्ष की कहानी - Google CEO Sundar Pichai Birthday story of his first

भारत दौरे पर पहुंचे पिचाई ने यहां आयोजित ‘गूगल फॉर इंडिया’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि गूगल भारत से कारोबार कर रहे स्टार्टअप पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि इन नई कंपनियों के लिए चिह्नित 30 करोड़ डॉलर में से एक-चौथाई राशि महिलाओं की अगुवाई वाले स्टार्टअप में निवेश की जाएगी। पिचाई ने कहा कि प्रौद्योगिकी बड़े पैमाने पर काम कर रही है और दुनियाभर के लोगों की जिंदगी पर असर डाल रही है। ऐसे समय में जिम्मेदार एवं संतुलित नियम बनाने की मांग उठ मुख्य निवेश नियम रही है।

जानकारी के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘‘इसके (भारत) पास जो पैमाना और प्रौद्योगिकी होगी, उसे देखते हुए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आप लोगों के लिए सुरक्षा उपाय करें, संतुलन साधें। आप एक नवोन्मेषी ढांचा खड़ा कर रहे हैं ताकि कंपनियां कानूनी ढांचे में एक निश्चितता के बीच नवाचार कर सकें। भारत एक बड़ी निर्यात अर्थव्यवस्था भी होगा। उसे एक मुक्त एवं जुड़े हुए इंटरनेट से लाभ होगा और यह सही संतुलन साधना अहम होगा।’’

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