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दो साल के निचले स्‍तर पर पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार, देश की अर्थव्‍यवस्‍था पर होगा असर?

नवीनतम सप्ताह में गिरावट की मात्रा, 6.687 बिलियन डॉलर है, जो जुलाई के मध्य के बाद सबसे बड़ी थी।

दो साल के निचले स्‍तर पर पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार, देश की अर्थव्‍यवस्‍था पर होगा असर?

दो साल के निचले स्‍तर पर पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार (फाइल फोटो)

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार दो वर्षों में सबसे निचले स्तर पर आ गया। भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से पेश की गई रिपोर्ट में जानकारी दी गई है। आरबीआई के अनुसार, रुपए 80 प्रति डॉलर के नीचे चला गया है, वहीं आरबीआई ने इसे ऊपर रखने के लिए काफी प्रयास किया था।

आरबीआई के साप्ताहिक सांख्यिकीय आंकड़ों के अनुसार, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह में 6.687 अरब डॉलर गिरकर 564.053 अरब डॉलर हो गया, जो दो साल में सबसे कम और लगातार तीसरे सप्ताह में गिरावट है। नवीनतम सप्ताह में गिरावट की मात्रा, 6.687 बिलियन डॉलर है, जो जुलाई के मध्य के बाद सबसे बड़ी थी।

इससे पहले के सप्ताह में 12 अगस्त को समाप्त सप्ताह के दौरान देश का आयात कवर 2.238 डॉलर घटकर 570.74 अरब डॉलर रह गया था। जुलाई के अंतिम सप्ताह में वृद्धि को छोड़कर, जो एक सांख्यिकीय ब्लिप की तरह लगता है, भारत के विदेशी मुद्रा में जुलाई की शुरुआत से हर एक सप्ताह में गिरावट आई है। फरवरी के अंत में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से यह 26 सप्ताहों में से 20 में गिरावट हुई थी।

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यूक्रेन संकट के बाद से विदेशी मुद्रा भंडार में 67 अरब डॉलर से अधिक की गिरावट और पिछले साल के उच्चतम स्तर से करीब 80 अरब डॉलर की गिरावट रुपए में लगभग 74 डॉलर प्रति डॉलर से 80 के करीब है।

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, कच्चे तेल के बढ़ते आयात के कारण, जिस पर देश अपनी तेल जरूरतों के 80 प्रतिशत से अधिक के लिए निर्भर करता है, भारत का व्यापार असंतुलन पिछले महीने बढ़कर 31 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, जिससे देश के चालू खाते को बनाए रखने की क्षमता के बारे में चिंता बढ़ गई।

वहीं आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के अनुसार, नवीनतम दर-निर्धारण बैठक के बाद जब केंद्रीय बैंक ने लगातार तीसरी बार दरों में बढ़ोतरी की, तब भी भारत का विदेशी मुद्रा भंडार वैश्विक स्तर पर चौथा सबसे बड़ा रहा है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने गुरुवार को कहा कि एक रिपोर्ट से पता चला विदेशी मुद्रा में व्यापार समाचार क्यों है कि क्रेडिट योग्यता पर दबाव का सामना करने के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है।

एक्‍सपर्ट के अनुसार, विदेशी मुद्रा भंडार में गिराावट के बाद देश की अर्थव्‍यवस्‍था में गिरावट आने की उम्‍मीद है। हालांकि आरबीआई की ओर से इसपर कोई जानकारी नहींं दी गई है।

RBI Alert List : इन ऐप्स और वेबसाइट्स से सावधान ! इन पर किया फॉरेन करेंसी ट्रांजैक्शन तो हो सकती है कानूनी कार्रवाई

RBI ने 34 ऐसी एंटिटीज़ की लिस्ट जारी की है, जिन्हें विदेशी मुद्रा में लेनदेन करने या फॉरेक्स ट्रांजैक्शन्स के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ETP) ऑपरेट करने की कोई इजाजत नहीं दी गई है. लिहाजा उनके जरिए लेनदेन करना गैरकानूनी है.

RBI Alert List : इन ऐप्स और वेबसाइट्स से सावधान ! इन पर किया फॉरेन करेंसी ट्रांजैक्शन तो हो सकती है कानूनी कार्रवाई

RBI की अलर्ट लिस्ट में शामिल 34 एंटिटीज़ को विदेशी मुद्रा में लेनदेन करने या ETP ऑपरेट करने की इजाजत नहीं दी गई है.

RBI Alert List of entities not authorised to deal in forex: अगर आप किसी ऐसी वेबसाइट के जरिए फॉरेन एक्सचेंज से जुड़ा लेनदेन करते हैं या करने की सोच रहे हैं, जिसके कानूनी तौर पर वैध होने के बारे में आपको पक्के तौर पर कुछ पता नहीं है, तो सावधान हो जाइए. रिजर्व बैंक ने ऐसी 34 एंटिटीज़ और उनकी वेबसाइट्स की अलर्ट लिस्ट जारी की है, जिनके जरिए विदेशी मुद्रा से जुड़ा कोई भी लेनदेन करने पर आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.

रिजर्व बैंक की तरफ से जारी इन अनधिकृत एंटिटीज़ की लिस्ट में ओलिंप ट्रेड(Olymp Trade), अल्पारी (Alpari), एनीएफएक्स (AnyFX), बिनोमो (Binomo), फॉरेक्स.कॉम (Forex.com), एफबीएस (FBS), फॉरेक्स4मनी (Forex4money), हॉट फॉरेक्स (HotForex), आईफॉरेक्स (iFOREX) और एक्सटीबी (XTB) जैसी 34 वेबसाइट्स शामिल हैं. इन सभी वेबसाइट्स की पूरी लिस्ट आप रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर यहां जाकर देख विदेशी मुद्रा में व्यापार समाचार क्यों सकते हैं: https://rbi.org.in/scripts/bs_viewcontent.aspx?Id=4183

रिजर्व बैंक की चेतावनी

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से बुधवार को जारी एक बयान में बताया गया विदेशी मुद्रा में व्यापार समाचार क्यों है कि अलर्ट लिस्ट में शामिल इन 34 एंटिटीज़ या वेबसाइट्स को विदेशी मुद्रा में लेनदेन करने या फॉरेक्स ट्रांजैक्शन्स के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ETP) ऑपरेट करने की कोई इजाजत नहीं दी गई है. लिहाजा इनका इस तरह की गतिविधियां संचालित करना पूरी तरह से गैरकानूनी हैं. रिजर्व बैंक ने यह चेतावनी भी दी है कि इन वेबसाइट्स के जरिए किसी भी तरह का विदेशी मुद्रा से जुड़ा लेनदेन करना न सिर्फ जोखिम भरा है, बल्कि ऐसा करने वाले के खिलाफ 1999 के विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (FEMA) के तहत कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है.

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रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर विदेशी मुद्रा में व्यापार समाचार क्यों देखें अलर्ट लिस्ट

रिजर्व बैंक ने इससे पहले 3 फरवरी 2022 को भी अपनी तरफ से बयान जारी करके आम लोगों को हिदायत दी थी कि वे किसी भी अनधिकृत ETP विदेशी मुद्रा के जरिए किसी तरह का लेनदेन न करें. साथ ही लोगों को किसी भी तरह के अनधिकृत फॉरेक्स ट्रांजैक्शन से दूर रहने की चेतावनी भी दी गई थी. लेकिन यह स्पष्टीकरण जारी करने के बावजूद रिजर्व बैंक के पास अब भी ऐसे रेफरेंस आते रहते हैं, जिनमें किसी ETP की कानूनी स्थिति के बारे में जानकारी मांगी जाती है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए अब RBI ने अपनी वेबसाइट पर अनधिकृत एंटिटीज़ और वेबसाइट्स की अलर्ट लिस्ट डालने का फैसला किया है. हालांकि इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने यह भी साफ किया है कि अगर कोई एंटिटी या वेबसाइट इस अलर्ट लिस्ट में शामिल नहीं है, तो इसका ये मतलब नहीं कि वो अधिकृत है. इस लिस्ट में सिर्फ उन्हीं एंटिटीज़ के नाम शामिल हैं, जिनके बारे में रिजर्व बैंक को यह बयान जारी करते समय मालूम था.

Forex Reserves india: बढ़ गया देश के विदेशी मुद्रा का खजाना, जानें 7 दिनों में कितने पर पहुंचा टोटल वैल्यू

Forex Reserves India: विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने की वजह विदेशी मुद्रा आस्तियों का बढ़ना है. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 17 जून को खत्म हुए सप्ताह में 5.87 अरब डॉलर घटकर 590.588 अरब डॉलर रह गया था.

Forex Reserves india: देश का विदेशी मुद्रा भंडार 24 जून को समाप्त सप्ताह में 2.734 अरब डॉलर बढ़कर 593.323 अरब डॉलर हो गया इस बढ़ोतरी की वजह विदेशी मुद्रा आस्तियों का बढ़ना है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के मुताबिक, इससे पिछले सप्ताह, विदेशी मुद्रा भंडार 5.87 अरब डॉलर घटकर 590.588 अरब डॉलर हो गया था. 24 जून को खत्म सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने की वजह विदेशी मुद्रा आस्तियों का बढ़ना है जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इसके अलावा स्वर्ण आरक्षित भंडार (Gold Reserves) के बढ़ने से भी विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा है.

यूरो,पौंड और येन जैसी मुद्राएं होती हैं शामिल
खबर के मुताबिक, विदेशी मुद्रा में व्यापार समाचार क्यों आंकड़ों के मुताबिक, समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 2.334 अरब डॉलर बढ़कर 529.216 अरब डॉलर हो गई. डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserves india) में रखे जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो,पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्यवृद्धि या मूल्यह्रास के प्रभावों को शामिल किया जाता है.

आईएमएफ में देश का मुद्रा भंडार भी
आंकड़ों के मुताबिक,आलोच्य सप्ताह में स्वर्ण भंडार का मूल्य भी 34.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 40.926 अरब डॉलर हो गया.समीक्षाधीन सप्ताह में,अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 5.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.21 अरब डॉलर हो गया. आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार (Forex Reserves india) भी 30 लाख डॉलर बढ़कर 4.विदेशी मुद्रा में व्यापार समाचार क्यों 97 अरब डॉलर हो गया.

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पिछले महीने भंडार
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 17 जून को खत्म हुए सप्ताह में 5.87 अरब डॉलर घटकर 590.588 अरब डॉलर रह गया था. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के मुताबिक, इससे पिछले सप्ताह यानी 10 जुलाई विदेशी मुद्रा भंडार 4.599 अरब डॉलर घटकर 596.458 अरब डॉलर रह गया था.

Dollar Vs Rupee: देश के पास विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार, चिंता करने की जरूरत नहींः आर्थिक मामलों के सचिव

Dollar Vs Rupee: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा था कि वृहद आर्थिक बुनियाद मजबूत होने से रुपये की स्थिति बेहतर है।

India TV Paisa Desk

Edited By: India TV Paisa Desk
Published on: September 27, 2022 18:01 IST

Dollar Vs Rupee- India TV Hindi

Photo:FILE Dollar विदेशी मुद्रा में व्यापार समाचार क्यों Vs Rupee

Highlights

  • मंगलवार को रुपया कुछ सुधरकर 81.58 पर बंद हुआ
  • विदेशी मुद्रा भंडार 16 सितंबर को कम होकर 545.65 अरब डॉलर पर आ गया
  • मार्च, 2022 में यह 607.31 अरब डॉलर था

Dollar Vs Rupee: आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने मंगलवार को विदेशी मुद्रा भंडार में कमी को लेकर चिंता को खारिज करते हुए कहा कि इसे जरूरत से अधिक तूल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति से पार पाने के लिये देश के पास विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार है। उल्लेखनीय है कि विदेशी मुद्रा भंडार लगातार सातवें सप्ताह घटा है और यह 16 सितंबर को समाप्त सप्ताह में कम होकर 545.65 अरब डॉलर पर आ गया, जबकि मार्च, 2022 में यह 607.31 अरब डॉलर था।

वैश्विक कारण से टूटा रुपया

मुद्रा भंडार में कमी का एक प्रमुख कारण वैश्विक गतिविधियों की वजह से रुपये की विनिमय दर में गिरावट को थामने के लिये रिजर्व बैंक की तरफ से किया गया डॉलर का उपयोग है। सेठ ने कहा, ‘‘विदेशी मुद्रा भंडार में कमी का कारण विदेशी मुद्रा प्रवाह में कमी और व्यापार घाटा बढ़ना है। मुझे नहीं लगता कि यह कोई चिंता वाली बात है। भारत के पास मौजूदा स्थिति से निपटने के लिये विदेशी मुद्रा का बड़ा भंडार है।’’ डॉलर के मुकाबले रुपया सोमवार को 81.67 के अबतक के सबसे निचले स्तर पर आ गया था। हालांकि, मंगलवार को यह कुछ सुधरकर 81.58 पर बंद हुआ।

राजकोषीय घाटा कम करने का लक्ष्य

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा था कि वृहद आर्थिक बुनियाद मजबूत होने से रुपये की स्थिति बेहतर है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अन्य देशों की मुद्राओं में जिस दर से गिरावट आई है, वह भारतीय रुपये की तुलना में कहीं अधिक है। आर्थिक मामलों के सचिव ने कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 6.4 प्रतिशत रखने के लक्ष्य पर कायम है और इसे हासिल किया जाएगा। सरकार ने बजट में 2022-23 में 14.31 लाख करोड़ रुपये की बाजार उधारी का लक्ष्य रखा है। इसमें से 8.45 लाख करोड़ रुपये चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही अप्रैल-सितंबर में जुटाने का विदेशी मुद्रा में व्यापार समाचार क्यों लक्ष्य है।

विदेशी मुद्रा भंडार 14 महीनों के सबसे कम स्तर पर

पिछले कुछ महीनों से विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट आ रही है। अगस्त 2021 के अंत में रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के पास 640.70 अरब डालर विदेशी मुद्रा भंडार था जो कि जून 2022 के अंत में घटकर कर 588.31 अरब डॉलर हो गया है।

Foreign Exchange

देश के पास विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहा है। रुपये की कीमत में गिरावट आ रही है। साथ ही देश का व्यापार घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है। यह सभी बातें आपस में कैसे जुडी हुई हैं? इनमें परिवर्तन होने पर हमारी अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है? चलिए इस पूरे मुद्दे को समझते हैं।

विदेशी मुद्रा भंडार

दरअसल विदेशी मुद्रा भंडार में केंद्रीय बैंक, रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं। इनमें विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियाँ(FCA), स्वर्ण भंडार, विशेष आहरण अधिकार (SDR) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ रिज़र्व ट्रेंच शामिल होती हैं। जरूरत पड़ने पर विदेशी मुद्रा भंडार से विदेशी ऋण का भुगतान आसानी से किया जा सकता है।

पिछले कुछ महीनों से विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार में यह गिरावट पिछले 10 महीनों से आ रही है। अगस्त 2021 के अंत में हमारे केंद्रीय बैंक के पास 640.70 अरब डालर विदेशी मुद्रा भंडार था, जोकि जून 2022 के अंत में गिर कर 588.31 अरब डॉलर हो गया है। विदेशी मुद्रा भंडार पिछले 14 महीनों के निम्न स्तर पर है। जैसा कि निचे चित्र दिखया गया है।

देश के विदेशी मुद्रा में व्यापार समाचार क्यों पास ज्यादातर विदेशी मुद्रा भंडार, विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति(FCA) के रूप में ही होता है। यह परिसंपत्तियां एक या एक से अधिक मुद्रा के रूप में भी हो सकती है। लेकिन इन विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों का मूल्यांकन डॉलर में ही किया जाता है। अगस्त 2021 के अंत में देश के पास 578.41 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां थी जोकि मौजूदा समय में घटकर 524.74 अरब डॉलर हो गयी है।

विदेशी मुद्रा भंडार के घटने का असर रुपये की कीमत पर पड़ता है। विदेशी मुद्रा भंडार कम होने पर डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में भी कमी आएगी जैसा कि मौजूदा समय में देखा जा रह है। कल सोमवार को रुपये की कीमत गिर कर 79.43 रुपये प्रति डॉलर के निम्न स्तर पर आ गयी है। रुपये के गिरने पर भारत द्वारा किये जाने वाले वस्तुओं के आयात मूल्य में वृद्धि हो जाएगी और निर्यात मूल्य में कमी आएगी क्योंकि रुपये की कीमत डॉलर के मुकाबले कम हो रही है। जिसके कारण व्यापार घाटा बढ़ेगा जैसा कि मौजूदा समय में देखा गया है। जून के महीने में व्यापार घाटा बढ़कर अब तक के रिकार्ड स्तर 25.6 अरब डॉलर हो गया है।

हालांकि रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने सोमवार को रुपये की कीमत को स्थिर रखने के लिए कुछ देशों जैसे रूस और श्रीलंका के साथ व्यापार रुपये में करने की अनुमति दे दी है, जिससे काफी हद तक रुपये की कीमत पर असर पड़ेगा। क्योंकि भारत सबसे ज्यादा कच्चे तेल का आयात करता है। रूस तेल का सबसे विदेशी मुद्रा में व्यापार समाचार क्यों बड़ा निर्यातक देश है।

भारत तेल की कुल आपूर्ति का बड़ा हिस्सा रूस से आयात करता है। ऐसा संभव हो सकता है कि रूस के साथ रुपये में व्यापार करने पर रुपये की कीमत में और गिरावट न आए और विदेशी मुद्रा भंडार पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़े। लेकिन भारत को अब भी यूरोप और एशिया के कई देशों के साथ डॉलर में ही व्यापार करना होगा।

विदेशी मुद्रा भंडार के बढ़ने पर रुपये की कीमत में मजबूती आती है। जिसके परिणामस्वरूप देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और रुपये की कीमत में स्थिरता बनी रहती है। साथ ही विदेश में निवेश करने वाले लोगों को भी बहुत ज्यादा फायदा पहुँचता है।

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