व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन आॅफ आॅल इंडिया ट्रेडर्स ने कहा, चार महीने बाद भी जीएसटी टुकड़ों में बंटा हुआ है, क्रियान्वयन की पूर्ण समीक्षा हो. The post व्यापारियों ने कहा, जीएसटी का वास्तविक स्वरूप छिन्न-भिन्न हो गया है जो टिकने योग्य नहीं है appeared first on The Wire - Hindi.
मुजफ्फरनगर में जीएसटी सर्वे के विरोध में उतरे GST सर्वे के विरोध में उतरे व्यापारी व्यापारी
मुजफ्फरनगर। उद्योग व्यापार मण्डल नगर इकाई के पदाधिकारियों द्वारा ज्वाईट कमिश्नर जीएसटी को वाणिज्य कर आयुक्त जीएसटी लखनऊ के नाम एक ज्ञापन सौंपा। जिसमें उन्होंने जीएसटी विभाग को 10 व्यापारियों को प्रतिमाह सर्वे करने के अधिकार दिए जाने की मांग की ।
बुधवार को उद्योग व्यापार मण्डल 1980 से बिक्री कर के सर्वे का विरोध, उसके बाद वेट सर्वे का विरोध करता रहा है । इसी प्रकार अब हम जीएसटी सर्वे का भी पुरजोर विरोध करते है।
हमने गत वर्षों में यह प्रमाणित कर दिया है कि सर्वे से विभाग का राजस्व नही बढ़ रहा है और इसी आधार पर जनरल सर्वे और विशेष अनुसंधान सर्वे की शाखाओं पर तमाम सरकारों ने रोक लगा दी थी।
जिसका गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया था। 1 जुलाई 2017 में जीएसटी तब से वो हर साल राजस्व बढ़ाकर दे रहा है। और कोई सर्वे भी नहीं हो रहा है। व्यापारी अपनी GST सर्वे के विरोध में उतरे व्यापारी इमादारी का परिचय दे रहा है।
सीलिंग के विरोध में सड़क पर उतरे दिल्ली के लाखों व्यापारी, बाजार बंद
- नई दिल्ली,
- 23 जनवरी 2018,
- (अपडेटेड 23 जनवरी 2018, 12:42 PM IST)
दिल्ली में एमसीडी GST सर्वे के विरोध में उतरे व्यापारी की ओर से की जा रही सीलिंग के विरोध में मंगलवार यानि GST सर्वे के विरोध में उतरे व्यापारी की आज दिल्ली के लाखों व्यापारी सड़क पर उतर आए हैं. दिल्ली में तमाम मार्केट बंद हो गए हैं. सड़कों पर जाम लग गया है. खास बात ये है कि इस बंद का सत्ताधारी आम आदमी पार्टी भी समर्थन कर रही है. इससे पहले रविवार को इस संबंध में 'आप' के पार्टी कार्यालय में सांसदों, विधायकों, पार्षदों और संगठन के पदाधिकारियों की मीटिंग भी हुई.
मीटिंग के बाद रविवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली संयोजक गोपाल राय ने बताया था कि, ''दिल्ली के व्यापारियों के विरोध के बावजूद बीजेपी शासित एमसीडी सीलिंग के माध्यम से व्यापारियों का धंधा बंद करने और मज़दूरों का रोज़गार छीनने का सिलसिला जारी है. अब बीजेपी की केंद्र सरकार ने एफ़डीआई लागू कर दिल्ली के व्यापारियों की दुकानें बंद करने का इंतज़ाम कर दिया गया है.''
दुकानों को छोड़कर सड़क पर उतरे व्यापारी, जीएसटी के नाम पर हो रहे उत्पीड़न से गुस्साए–
गोपेश्वरः नगर क्षेत्र के व्यापारियों ने जीएसटी के नाम पर हो रहे सर्वे और छापेमारी की कार्रवाई से तंग आकर व्यापारी सड़क पर उतर आए। उन्होंने नगर के मुख्य तिराहे पर जीएसटी का पुतला फूंका और आयकर विभाग के कार्यालय पर तालाबंदी की। चेतावनी दी गई कि यदि शीघ्र व्यापारियों का उत्पीड़न बंद नहीं किया गया तो व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद कर दुकानों की चाबियां आयकर विभाग में जमा कर दी जाएंगी।
व्यापार संघ अध्यक्ष अंकोला पुरोहित ने कहा कि जीएसटी के नाम पर बाजारों में इंस्पेक्टर राज हावी हो रहा है। कहा कि जीएसटी सर्वे और छापे की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने इसे व्यापारियों का उत्पीड़न बताया। इस मौके पर व्यापार संघ अध्यक्ष अंकोला पुरोहित, राजीव शाह, नवसाद खान, गजेंद्र बिष्ट, आशुतोष, गणेश बिष्ट, अमित मिश्रा, राकेश सती, विपिन, देवेंद्र गौड़ के साथ ही कई व्यापारी मौजूद रहे। व्यापारी वाहनों में गोपेश्वर नगर से कोठियालसैंण पहुंचे और यहां आयकर विभाग के कार्यालय पर प्रदर्शन किया। कार्यालय के मुख्य गेट पर तालाबंदी की और प्रदर्शन किया। उन्होंने GST सर्वे के विरोध में उतरे व्यापारी यहां सांकेतिक धरना भी दिया।
जीएसटी के नाम पर किया जा रहा उत्पीड़न, व्यापारियों ने जंजीर में जकड़ कर किया प्रदर्शन
कानपुर. जीएसटी के नाम पर GST सर्वे के विरोध में उतरे व्यापारी आए दिन एसआईबी, सचल दस्तों के छापों से परेशान होकर हटिया बाजार के व्यापारी सड़क पर उतर आए। व्यापारियों ने इसके विरोध में अपने शरीर को जंजीरों में जकड़ कर कई इलाकों में जुलूस निकाल कर प्रदर्शन किया। लोहा व्यापार समिति के अध्यक्ष अतुल द्धिवेदी ने कहा कि वाणिज्य कर की एसआईबी की टीमें सर्वे के नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़न कर बाजार का महौल खराब कर रही हैं। जीएसटी पोर्टल में कई दिक्कतें हैं, जिसके कारण हम लोग समय से रिर्टन नहीं भर पा रहे हैं। हम शासन-प्रशासन से मांग करते हैं कि जीएसटी के पोर्टल को पहले ठीक करें, फिर हमारे ट्रकों को पकड़ें।
हटिया बाजार से निकाला जुलूस
जीएसटी के नाम पर उत्पीड़न के विरोध में हटिया बाजार में सैकड़ों व्यापारी उतरे। इस दौरान व्यापारियों ने अपने आपको लोहे की जंजीरों से जकड़ा हुआ था। हटिया बाजार से रैली जुलूस में बदल गई और नयागंज, मालरोड, सागर मार्केट सहित कई इलाकों में जाकर जीएसटी के खिलाफ व्यापारी वर्ग को एक साथ आने की अपील की। व्यापारी गुरूतिजेंदर सिंह ने बताया कि जीएसटी की जानकारी के लिए शुरू कराया गया पोर्टल में कई गलतियां है, जिसके कारण हमें समय से रिर्टन भरने में समस्याएं आ रही हैं। आईटी और वाणिज्य कर विभाग जाकर इसकी शिकायत करतें हैं, लेकिन अफसर सुनने को कुछ तैयार नहीं होते। एसआईबी और वाणिज्य कर के सचल दस्ते हमारे गोदामों और सामान लेकर आ रहे वाहनों को रोक लेते हैं कमी दिखाकर वसूली करते हैं।
रिर्टन भरने में आ रही दिक्कतें
लोहा व्यापार समिति के अध्यक्ष अतुल द्धिवेदी ने बताया जीएसटी पोर्टल में गंभीर समस्याएं हैं। ज्यादातर पोर्टल Hang रहता है। इसी के चलते हमने मांग की है कि रिर्टन भरने की तारीख 10 जनवरी से बढ़ाकर 30 जनवरी कर दी जाए। बताया कि 3-बी, 1,2,3 व कई अन्य रिर्टन भरने के लिए हमें पोर्टल में सही जानकारी नहीं मिल पा रही है। इसी के चलते रिर्टन समय पर नहीं भर पा रहे हैं। सात दिन पहले जीरो टैक्स वाले लोहे के कृषि उपकरणों के सामान वाले ट्रक को सचल दस्ते ने रोक लिया। चालक ने सारे कागजात दिखाए, लेकिन दस्ते की टीम नहीं मानी और बिल में कमी बताकर वसूली कर ली। वहीं महामंत्री सुरेंद्र सिंह ने बताया कि सचल दस्ते की टीमें आए दिन कहीं न कहीं छापा मारकर जबरन जीएसटी के नाम पर पैसे की डिमांड करते हैं।
वित्तमंत्री से करेंगे शिकायत
व्यापार मंडल के महामंत्री मयंक अग्रवाल ने बताया कि कानपुर के अधिकारी व्यापारियों को बेवजह परेशान कर रहे हैं। हमारी शिकायत कोई सुनने को तैयार नहीं है। इसलिए व्यापार मंडल के आधा दर्जन व्यापारी दिल्ली जाएंगे और वित्तमंत्री से मिलकर अपना दर्द सुनाएंगे। मोदी सरकार ने पहले नोटबंदी और फिर जीएसटी का बाण चलाकर व्यापारियों को घायल कर दिया है। अधिकतर छोटे कारखानें बंद हो गए हैं, वहीं जो बचे हैं वह जीएसटी के चलते बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं। सरकार जीएसटी तो ले आई, लेकिन इससे निपटने के लिए हमें कोई औजार नहीं दिया। जो पोर्टल लॉन्च किया, उसमें कई दिक्कतें हैं, जिन्हें दूर करने के लिए अधिकारी तैयार नहीं।
व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन आॅफ आॅल इंडिया ट्रेडर्स ने कहा, चार महीने बाद भी जीएसटी टुकड़ों में बंटा हुआ है, क्रियान्वयन की पूर्ण समीक्षा हो.
वित्त मंत्री अरुण जेटली और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो: पीटीआई)
नई दिल्ली: व्यापारियों के प्रमुख संगठन कनफेडरेशन आॅफ आॅल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने मंगलवार को कहा कि क्रियान्वयन के लगभग चार महीने बाद भी माल एवं सेवा कर (जीएसटी) टुकड़ों में बंटा हुआ है. जीएसटी का वास्तविक स्वरूप छिन्न-भिन्न हो गया है जो टिकने योग्य नहीं है.
कैट ने कहा कि न केवल जीएसटी की दरों, बल्कि इसके नियम एवं उनके क्रियान्वयन की पूर्ण समीक्षा किए जाने की GST सर्वे के विरोध में उतरे व्यापारी जरूरत है. जीएसटी की कमजोरियों, लीकेज और खामियों को दूर किया जाना चाहिए.
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