Published on: November 13, 2022 14:55 IST
Sovereign Gold Bond Scheme 2022-23: सरकार आज से सस्ता सोना बेच रही है, जानिए बाजार से कितना कम है दाम
Sovereign Gold Bond Scheme 2022-23: इस स्कीम में गोल्ड की बढ़ती कीमतों का फायदा मिलने के साथ ही इंटरेस्ट भी मिलेगा जबकि फिजिकल गोल्ड खरीदने पर कोई ब्याज नहीं मिलता है
Sovereign Gold Bond Scheme 2022-23: सरकार आज से सस्ता गोल्ड बेच रही है। अगर आप भी गोल्ड में इनवेस्ट करना चाहते हैं तो बाजार से सस्ते दाम पर गोल्ड खरीदने का शानदार मौका है। यह सॉवरेन गोल्ड स्कीम आज खुली है। इसमें आज 22 अगस्त से लेकर 26 अगस्त तक निवेश कर सकते हैं। अगर आप भी इस स्कीम में पैसा लगाना चाहते हैं तो इसके बारे में हर जरूरी बात जानिए।
जानिए क्या है गोल्ड का रेट?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में सोने का भाव 5,197 रुपए प्रति ग्राम तय की गई है। ऑनलाइन पेमेंट करने पर 50 रुपए प्रति ग्राम की छूट भी है। इस हिसाब से ऑनलाइन डिस्काउंट के बाद आपको एक ग्राम सोने के लिए 5,147 रुपए प्रति ग्राम चुकाना होगा।
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कौन कर सकता है इस स्कीम में निवेश?
इस गोल्ड बॉन्ड स्कीम में इंडियन सिटीजन, HUF, ट्रस्ट्स, यूनिवर्सिटीज और चैरिटेबल इंस्टीट्यूशंस इनवेस्ट कर सकते हैं। इस स्कीम की अवधि 8 साल है। अगर आप पहले अपने पैसे निकालना चाहते हैं तो 5 साल पूरे होने के बाद निकाल सकते हैं।
कम से कम कितना निवेश कर सकते हैं?
इस स्कीम में कोई इनवेस्टर कम से कम एक ग्राम सोने में इनवेस्ट कर सकता है। छोटे इनवेस्टर के लिए इनवेस्टमेंट की अधिकतम सीमा 4 किलोग्राम होगी। HUF के लिए भी 4 किलोग्राम की अधिकतम सीमा तय है। ट्रस्ट और इस तरह की दूसरी संस्थाएं एक फाइनेंशियल ईयर में अधिकतम 20 किलोग्राम तक इनवेस्ट कर सकती हैं।
कैसे कर सकते हैं पेमेंट?
इनवेस्टर गोल्ड बॉन्ड का पेमेंट कैश, डिमांड ड्राफ्ट, चेक या डिजिटल माध्यम से कर सकते हैं। यह ध्यान में रखना होगा कि कैश से मैक्सिमम 20,000 रुपये तक का निवेश ही किया जा सकता है। इसका मतलब है कि अगर कोई इनवेस्टर ज्यादा इनवेस्ट करना चाहता है तो उसे निवेश के दूसरे माध्यम का इस्तेमाल करना होगा।
गोल्ड प्राइस बढ़ने के साथ इंटरेस्ट का भी फायदा
गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निवेश करने पर इनवेस्टर को सालाना 2.5 फीसदी के फिक्स्ड रेट से इंटरेस्ट मिलेगा। इसका पेमेंट नॉमिनल वैल्यू पर हर छमाही किया जाएगा। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स का इस्तेमाल लोन लेने के लिए बतौर कोलैटरल किया जा सकता है। इसके साथ ही बढ़ते वक्त के साथ गोल्ड की कीमतें भी बढ़ेंगी। तो अगर आप फिजिकल गोल्ड खरीदते हैं तो उस पर इंटरेस्ट नहीं मिलेगा जबकि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में इंटरेस्ट का फायदा अलग से मिलेगा।
क्या यह स्कीम सुरक्षित है?
यह स्कीम सरकार की है। इसलिए यह पूरी तरह सुरक्षित है। इसमें निवेश को लेकर किसी तरह का रिस्क नहीं है। दूसरा, यह स्कीम आपको सोने में इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में निवेश की सुविधा देती है। फिजिकल गोल्ड की सुरक्षा एक बड़ी समस्या है। इसकी वजह यह है कि उसके चोरी होने का डर होता है। इस स्कीम में निवेश करने पर आपकी यह चिंता खत्म हो जाती है।
MoneyControl News
First Published: Aug 22, 2022 11:52 AM
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FPI Investment: विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार पर जताया भरोसा, अब तक दिसंबर में ₹4,500 करोड़ का निवेश
विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार में 1 से 9 दिसंबर 2022 तक शेयरों में शुद्ध रूप से 4,500 करोड़ रुपये का निवेश किया है. वही शेयरों के अलावा डेट और बॉन्ड मार्केट में 2,467 करोड़ रुपये इन्वेस्ट हुआ है.
By: ABP Live | Updated at : 11 Dec 2022 09:43 PM (IST)
FPI Investment In India 2022: एक बार फिर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (Foreign Portfolio Investor) का रुझान भारतीय बाजार की तरफ दिख रहा है. एफपीआई (FPI) ने दिसंबर में अब तक भारतीय शेयर बाजारों में 4,500 करोड़ रुपये का निवेश किया है. उनका निवेश इन अनुमानों पर आधारित है कि मुद्रास्फीति में आ रही नरमी के बीच दुनिया भर के केंद्रीय बैंक विशेषकर अमेरिका का फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में वृद्धि को लेकर कुछ नरम रुख अपना सकते हैं. हालांकि फेडरल ओपन मार्केट कमेटी की इस साल की अंतिम बैठक 13-14 दिसंबर 2022 को होना तय है.
शेयरों से निकाले 3,300 करोड़
इससे पहले नवम्बर माह में एफपीआई ने 36,200 करोड़ रुपये की लिवाली की थी. डॉलर इंडेक्स (Dollar Index) में गिरावट के बीच एफपीआई का भारतीय बाजारों में निवेश जारी है. फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) के ब्याज दरों पर निर्णय से पहले पिछले 4 सेशन में एफपीआई ने शेयरों से 3,300 करोड़ रुपये निकाले हैं.
लाभ से काटेंगे मुनाफा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, FPI आगे चलकर सिर्फ कुछ अच्छा प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों में मामूली खरीदी कर सकते हैं. ऐसे में वे लाभ में से मुनाफा काटेंगे. चीन और दक्षिण कोरिया जैसे सस्ते बाजारों में एफपीआई अधिक पैसा लगा सकते हैं.
नवंबर में कितना रहा FPI
आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने 1 से 9 दिसंबर के बीच शेयरों में 4,500 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इससे पहले नवंबर में विदेशी निवेशकों ने 36,239 करोड़ रुपये की लिवाली की थी. अक्टूबर माह में उन्होंने शेयरों से 8 करोड़ रुपये निकाले थे. सितंबर में भी उन्होंने 7,624 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे.
मार्केट में 1,637 करोड़ रुपये का निवेश
एफपीआई ने शेयरों के अलावा रिपोर्टिंग पीरियड में डेट और बॉन्ड मार्केट में 2,467 करोड़ रुपये निवेश कर दिए है. इस महीने अन्य उभरते मार्केट्स फिलिपीन, दक्षिण कोरिया, ताइवान, थाइलैंड और इंडोनेशिया में भी एफपीआई का प्रवाह निगेटिव रहा है.
Published at : 11 Dec 2022 09:43 PM (IST) Tags: Share Market Investment sensex nifty Foreign Portfolio investor Stock Market FPI हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
कमाई वाले शेयरों की पहचान के लिए अपनाएं यह तरीका, होगा फायदा
यदि आप ग्रोथ की संभावना वाले शेयरों के चुनाव में कंपनी के आरओसीई को पैमाना मानते हैं, तो आप 20 शेयरों में पैसा लगा सकते हैं.
आरओसीई आपको ऐसा पोर्टफोलियो बनाने में मदद कर सकता है, जिसके बूते आप कई गुना रिटर्न कमा सकते हैं. किसी अच्छे कारोबार को खड़ा करने में लंबा समय लगता है. कंपनी के प्रबंधन को वास्तविकता को ध्यान में रखते हुए अपने लिए ऐसे लक्ष्य निर्धारित करने होते हैं, जिन्हें हासिल किया जा सके.
होम अप्लायंस कंपनी टीटीके प्रेस्टीज ने पिछले 10 सालों में निवेशकों को मालामाल किया है. इस दौरान कंपनी का आरओसीई निरंतर 15 फीसदी से अधिक रहा. 3 जुलाई 2008 से 3 जुलाई 2018 के बीच कंपनी के शेयरों ने 5,200 फीसदी की छलांग लगाई है.
इस दौरान कंपनी के शेयर की कीमत 108.50 रुपये से 5,823 रुपये तक पहुंच गई. कंपनी की मार्केटकैप भी महज 123 करोड़ रुपये से उछल कर 6,500 करोड़ रुपये को पार कर गई है. बाकी 19 कंपनियों ने भी बेमिसाल प्रदर्शन किया है. बीते एक दशक में इन कंपनियों ने औसत 1000 फीसदी का रिटर्न दिया है.
इस सूची में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और एचडीएफसी बैंक शामिल हैं. इसके अलावा बालकृष्ण इंडस्ट्रीज, कन्साई नेरोलैक, बजाज ऑटो, टाटा एल्क्सी, एशियन पेंट्स, डाबर इंडिया और रैलिस इंडिया भी शामिल हैं.
इन संभी कंपनियों में बाउंड बाजार की पहचान एक बात यह समान है कि पिछले 10 साल से इनका आरओसी 15 फीसदी से अधिक रहा है. इस दौरान इन कंपनियों के शेयरों ने 650 फीसदी से 2,400 फीसदी तक का रिटर्न दिया है. स्वतंत्र विश्लेषक अंबरीश बालिग आरओसीई को पूंजी कुशलता का अच्छा बाउंड बाजार की पहचान पैमाना मानते हैं.
टीटीके प्रेस्टीज के चेयरमैन टीटी जगन्नाथन ने कहा, "अप्लायंस बाजार से अब भी 40 फीसदी रेवेन्यू हासिल हो रहा है. हम अगले तीन सालों में इसे 50 फीसदी तक पहुंचा देंगे." कंपनी को अपने प्रदर्शन पर पूरा भरोसा है. वह अवसरों का लाभ उठान के लिए तैयार है.
टीसीएस ने हाल ही में 7 लाख करोड़ रुपये का मार्केटकैप हासिल किया था. वह ऐसा करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई. बालकृष्ण इंडस्ट्रीज पर भी ब्रोकरेज हाउसेज का विश्वास कायम है. कोटक इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटीज ने इस शेयर को 1,260 रुपये के टार्गेट प्राइस के साथ खरीदने की सलाह दी है.
पिछले 10 साल में 100 करोड़ रुपये के मार्केटकैप और 15 फीसदी से अधिक की आरओसीई हासिल करने वाली कंपनियों में एम्पायर इंडस्ट्रीज, जी एंटरटेनमेंट, कॉलगेट पामोलिव, लक्ष्मी मशीन वर्क्स, हीरो मोटोकॉर्प, आईटीसी, केईसी इंटरनेशनल, वेन्ड्ट (इंडिया), इंफोसिस और विप्रो शामिल हैं.
इन कंपनियों के शेयरों ने 100 से 550 फीसदी तक की छलांग लगाई है. जेएन फाइनेंशियल ने आईटीसी को 335 रुपये के टार्गेट प्राइस के साथ खरीदने की सलाह दी है. आईआईएफएल ने जी एंटरटेनमेंट को 691 रुपये के टार्गेट प्राइस के साथ खरीदने की सलाह दी है.
ब्रोकरेज निर्मल बंग सिक्योरिटी ने विप्रो पर भरोसा जताया है. इक्विनॉमिक्स रिसर्च एंड एडवाइजरी के संस्थापक जी चोक्कालिंगम ने कहा, "लगातार आरओसीई बढ़ना कंपनी के लिए अच्छी खबर है. हालांकि, निवेश से पहले कंपनी की वैल्यूएशन पर भी गौर करना चाहिए."
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अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में Stock Market के गुर सीखने को मिलेगा, 'भारत का शेयर बाजार' नाम से स्टॉल लगाएगा सेबी
सेबी ने कहा कि 14-27 नवंबर 2022 तक नयी दिल्ली में होने वाले 41वें भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ- 2022) में 'भारत का शेयर बाजार' नाम से एक स्टॉल स्थापित कर रहा है।
Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: November 13, 2022 14:55 IST
Photo:PTI अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला
निवेशकों को जागरूक करने के लिए भारतीय पूंजी बाजार नियामक सेबी देश की राजधानी दिल्ली में शुरू हो रहे अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में हिस्सा लेगी। मार्केट रेग्युलेटर ने एक बयान में कहा कि इस 14-दिवसीय मेले में बाजार अवसंरचना संगठनों और उद्योग संगठनों की तरफ से बाजार विशेषज्ञों के टॉक शो, क्विज, स्किट और विजुअल शो के साथ निवेशक जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, सेबी के शिकायत निपटान मंच स्कोर्स का प्रदर्शन और महत्वपूर्ण निवेशक-अनुकूल नीतियों तथा उपकरणों का प्रदर्शन भी किया जाएगा।
भारतीय इक्विटी मार्केट की दी जाएगी जानकारी
सेबी ने कहा कि इसके अलावा निवेशकों को भारतीय प्रतिभूति बाजार के बारे में जानकारी भी दी जाएगी। नियामक ने रविवार को एक बयान में कहा, सेबी 14-27 नवंबर 2022 तक नयी दिल्ली में होने वाले 41वें भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ- 2022) में 'भारत का शेयर बाजार' नाम से एक स्टॉल स्थापित कर रहा है।'' इस साल के व्यापार मेले का विषय 'निवेश का अमृतकाल' है।
ऑनलाइन बॉन्ड के लिए नियम जारी किए
कैपिटल मार्केट रेग्युलेटर सेबी ने ऑनलाइन बॉन्ड मंच प्रदान करने वालों के लिये चीजें सुगम बनाने को लेकर नया नियम जारी किया है। सेबी की ओर से जारी एक अधिसूचना में कहा कि नए नियमों के तहत नियामक से शेयर ब्रोकर का बाउंड बाजार की पहचान पंजीकरण प्रमाणपत्र प्राप्त किये बिना कोई भी व्यक्ति ‘ऑनलाइन बॉन्ड’ मंच प्रदाता के रूप में काम नहीं करेगा। ऐसे व्यक्ति को पंजीकरण की शर्तों के साथ समय-समय पर नियामक की तरफ से निर्धारित अन्य जरूरतों का पालन करना होगा। इस कदम से निवेशकों, विशेष रूप से गैर-संस्थागत निवेशकों के बीच भरोसा बढ़ेगा क्योंकि मंच की सुविधा नियामक से पंजीकरण प्राप्त मध्यस्थ प्रदान करेगा। इस नियम के लागू होने की तारीख से पहले पंजीकरण प्रमाण पत्र के बिना ऑनलाइन बॉन्ड प्लेटफॉर्म प्रदाता के रूप में कार्य करने वाला व्यक्ति तीन महीने की अवधि के लिए अपना काम जारी रख सकता है।
UP News: एक क्लिक पर 28 हजार स्कूलों की सूचना, ‘पहचान’ बताने में सीबीएसई से आगे निकला यूपी बोर्ड
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ शैक्षिक संस्थाओं में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से माध्यमिक विद्यालय नवीनीकरण मिशन के तहत यूपी बोर्ड ने प्रदेश में संबद्ध 28 हजार से अधिक स्कूलों का वेब पेज अपनी वेबसाइट पर 'पहचान' नाम से अपलोड किया है। इसी के साथ स्कूलों की पहचान बताने के मामले में यूपी बोर्ड ने सीबीएसई को भी पीछे छोड़ दिया है।
सीबीएसई या अन्य बोर्ड पर नहीं है इतनी सूचनाएं
यूपी बोर्ड ने पहचान लिंक के माध्यम से स्कूलों की जितनी जानकारी उपलब्ध कराई है, उतनी सूचनाएं सीबीएसई या अन्य किसी बोर्ड की वेबसाइट पर भी उपलब्ध नहीं हैं।
- स्कूलों के वेब पेज बनाने का काम मुख्यमंत्री योगी की 100 दिन की कार्ययोजना में भी शामिल थे
- उत्तर प्रदेश में 28 हजार से अधिक स्कूल यूपी बोर्ड से संबद्ध हैं
- 20875 वित्त विहीन, 4528 सहायता प्राप्त और 2332 राजकीय विद्यालय शामिल
यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड किए गए स्कूलों के वेब पेज पर स्कूलों से जुड़ी लगभग हर जानकारी उपलब्ध है। इसमें स्कूल की मान्यता का वर्ष, गूगल लोकेशन, जिला मुख्यालय से दूरी, छात्रों को मिलने वाली सुविधाएं, छात्रों एवं शिक्षकों की संख्या और बीते पांच वर्ष की बोर्ड परीक्षा के नतीजे इसमें शामिल हैं। इसके अलावा 10 साल के संपूर्ण रिजल्ट, पंजीकरण की स्थिति, स्कूल की उपलब्धियां बाउंड बाजार की पहचान और हाइपर लिंक भी मिल जाएगा।
स्कूल का रिपोर्ट कार्ड भी है उपलब्ध
पोर्टल पर प्रत्येक स्कूल का पहचान रिपोर्ट कार्ड भी उपलब्ध है। इसमें स्कूल की राज्य और जिले स्तर पर रैंकिंग के साथ रेटिंग दी गई है। इसके अलावा छह बिंदुओं पर स्कूल की ग्रेडिंग की बाउंड बाजार की पहचान भी व्यवस्था है। यदि किसी छात्र ने राज्य या जिले स्तर पर रैंक हासिल की है तो उसकी पूरी जानकारी भी मिल जाएगी। इसके अतिरिक्त स्कूल की जिले और राज्य स्तर की रैंकिंग भी इसमें दी गई है।
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ऐसे कर सकते हैं सर्च
यूपी बोर्ड के पोर्टल यूपीएमएसपी.ईडीयू.इन पर जाकर कोई भी स्कूलों की जानकारी ले सकता है। होम पेज पर बांयी ओर कई लिंक दिए बाउंड बाजार की पहचान गए हैं और सबसे पहला लिंक ही पहचान का है। इस पर क्लिक करने के बाद जो पेज खुलेगा उस पर सारी जानकारी मिल जाएगी।
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