फंडामेंटल एनालिसिस 2022|Share Market Fundamental Analysis In Hindi

दोस्तों, आज के इस लेख में हमने आपको आपको समझाया की Fundamental Analysis Kya Hai, Fundamental Analysis in Hindi, Share market fundamental analysis in hindi, Fundamental Analysis का क्या काम है, क्या Fundamental Analysis करना जरुरी है, Fundamental Analysis में क्या होता है? आदि.

Share Market Fundamental Analysis In Hindi क्या काम है?

Share Market Fundamental Analysis In Hindi- जब भी हमें भविष्य के लिए 1,2,5 या 10 साल के लिए शेयर मार्किट में निवेश करने की सोचते है तो सबसे पहले कंपनी का चुनाव फिर उस कंपनी के Fundamental को Analysis किया जाता है. शेयर मार्किट में निवेश करने के लिए सही शेयर को चुनने की प्रकिया को Fundamental Analysis कहते है.

Fundamental Analysis में क्या देखा जाता है?

बहुत से ट्रेडर्स को Fundamental Analysis के बारे में पता ही नहीं होता है इसलिए वह लोग मार्किट में नुकसान उठाते है. Fundamental Analysis में कम्पनी के अन्दर की जानकारी को जाना जाता है- कंपनी का बिज़नस कैसा चल रहा है, मार्केट में कंपनी के प्रोडक्ट की कितनी मांग है, कंपनी किस तरह के प्रोडक्ट बनती है, कंपनी कितने loss या profit में चल रही है, कंपनी ने पर कितना कर्ज लिया है? Share Market Fundamental Analysis In Hindi

आदि इन सभी जानकारी को हासिल करके उस कंपनी के शेयर ख़रीदे जाते है जिससे फ्यूचर में अच्छा मुनाफा होता है. Fundamental Analysis में हमें कंपनी यह देखना होता है की जिस कंपनी के शेयर खरीद रह है वह कितने मजबूत है इसकी आर्थिक स्थति क्या है? क्या यह भविष्य में अच्छा मुनाफा दे सकती है या नहीं!

Fundamental Analysis का एक ही उद्देश्य होता है वर्तमान के शेयर को कम कीमत में खरीद कर भविष्य में अधिक कीमत में बेचना होता है. Fundamental Analysis में कंपनी के बिज़नस और फाइनेंसियल स्टेटमेंट को देखते है बिज़नस प्रदर्शन से ही कंपनी के शेयर की कीमत निर्धारित होती है क्योकि जब कंपनी का बिज़नस आगे बढेगा तभी कंपनी को प्राफिट होगा जिससे भविष्य में शेयर की कीमत बढेगी.

Fundamental Analysis 2 प्रकार के होते है?

  1. Qualitative Analysis
  2. Quantitative Analysis
  3. Qualitive Analysis – Qualitive Analysis में कंपनी क्या बिज़नस कर रही है, बिज़नस मॉडल, मैनेजमेंट एनालिसिस, प्रोडक्ट और सर्विस आदि जानकारी को Analysis किया जाता है.
  4. Quantitative Analysis Quantitative Analysis में बैलेंस सीट, मुनाफा और नुक्सान स्टेटमेंट, केस फ्लो स्टेटमेंट, इस तरह के रेश्यो को और सेल्स ग्रोथ, प्रॉफिट ग्रोथ आदि को एनालिसिस किया जाता है. Share Market Fundamental Analysis In Hindi

Fundamental Analysis का उपयोग कैसे करे?

Share Market Fundamental Analysis In Hindi जितने भी पुराने और नय ट्रेडर्स होते वह लोग लम्बे समय के लिए शेयर मार्किट में निवेश करने के लिए Fundamental Analysis का उपयोग करते है. Fundamental Analysis के दोवारा हम अच्छे शेयर को चुनने में मदद मिलती है. इसके दोवारा हम उन शेयर को सर्च कर सकते है जो वर्तमान में डिस्काउंट में मिल रह है.

जब कोई निवेशक किसी कंपनी के शेयर खरीदता है तो उसे कंपनी से उम्मीद करता है की ये कम्पनी आने बाले समय में काफी बढ़ोतरी करे. प्रॉफिट के लिए कंपनी के बारे में पूरा रिसर्च करना जरुरी है. Technical analysis में चार्ट पर indicator इस तरह की जानकारी नहीं देते है वह सिर्फ price movement को दिखाते है.

तभी कीमत को देख कर buy और sell करते है जो बिलकुल ठीक नहीं है fundamental analysis भी बहुत जरुरी है. Fundamental का उपयोग तब की जाता है जब आपको शेयर को लम्बे समय तक खरीदकर रखना होता है. Fundamental analysis में किन चीजों के बारे में जानना जरुरी होता है?

क्या है टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस? शेयर बाजार में पैसा कमाने के लिए जरूरी है ये ज्ञान, जानें इसे कैसे सीखें

शेयर बाजार में निवेश के लिए जरूरी है टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस की समझ

टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस में किसी भी शेयर या कंपनी के पिछले और वर्तमान प्रदर्शन के आधार पर भविष्य की संभावना का अ . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : November 03, 2022, 11:42 IST

हाइलाइट्स

टेक्निकल एनालिसिस में इंडिकेटर के जरिए स्टॉक के प्राइस की मूवमेंट का अंदाजा लगाया जाता है.
फंडामेंटल एनालिसिस में किसी भी कंपनी के बिजनेस मॉडल और ग्रोथ स्टोरी का अध्ययन किया जाता है.
टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस सीखने के लिए कई बुक, कोर्स और ऑनलाइन कंटेंट उपलब्ध है.

नई दिल्ली. शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले इसकी पर्याप्त समझ होनी चाहिए. किसी भी स्टॉक को खरीदने के लिए उसके बारे में अच्छे से अध्ययन करना होता है और यह दो तरीकों टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस के जरिए किया जाता है. लेकिन, आम निवेशक को इसके बारे में ज्यादा समझ नहीं होती है लेकिन बाजार में सक्रिय रूप से काम करने वाले निवेशक और मार्केट एक्सपर्ट्स इसकी गहरी समझ रखते हैं. हालांकि, टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस की समझ विकसित करना ज्यादा मुश्किल नहीं है.

आइये जानते हैं कि आखिर टेक्निकल और फंटामेंटल एनालिसिस क्या है और कैसे इसके बारे में समझ विकसित करके शेयर बाजार में सक्रिय निवेशक के तौर पर काम किया जा सकता है. इन दोनों तरीकों से आप शेयर की कीमत का सही अनुमान और भविष्य से जुड़ी संभावनाओं के बारे में पता लगा सकते हैं, साथ ही स्टॉक कब खरीदें और कब बेचें, यह निर्णय लेने में भी आपको मदद मिलेगी.

क्या है टेक्निकल एनालिसिस?

टेक्निकल एनालिसिस में किसी भी शेयर के चार्ट को देखकर उसकी डेली, वीकली और मंथली मूवमेंट और प्राइस के बारे में जानकारी हासिल की जाती है. चार्ट के जरिए सबसे शेयर के सपोर्ट और रेजिस्टेंस देखा जाता है. यहां सपोर्ट से मतलब है कि स्टॉक कितनी बार किसी एक खास भाव से ऊपर की ओर गया है. ज्यादातर एनालिस्ट सपोर्ट लेवल पर ही खरीदी की सलाह देते हैं.

वहीं, रेजिस्टेंस का मतलब है कि कोई स्टॉक कितनी फंडामेंटल एनालिसिस क्या है? बार किसी एक भाव से फिर से नीचे की ओर लौटकर आया है. अगर कोई शेयर अपने रेजिस्टेंस को तोड़कर ऊपर की ओर जाता है तो इसे ब्रेकआउट कहते हैं यानी कि अब शेयर का भाव और बढ़ेगा. इसके विपरीत, यदि स्टॉक सपोर्ट लेवल को तोड़ देता है तो उसके नीचे जाने की संभावना ज्यादा रहती है.

टेक्निकल एनालिसिस में अहम इंडिकेटर
टेक्निकल एनालिसिस में इंडिकेटर अहम टूल्स होते हैं. दरअसल ये शेयर की मूवमेंट को लेकर अहम संकेत देते हैं. इनमें मूविंग एवरेज, RSI, MACD, सुपर ट्रेंड और बोलिंजर बैंड समेत कई इंडिकेटर्स शामिल हैं. हर इंडिकेटर का अपना महत्व है लेकिन शेयर बाजार में सक्रिय ज्यादातर निवेशक मूविंग एवरेज, MACD और RSI इंडिकेटर को अहम मानते हैं.

मूविंग एवरेज इंडिकेटर के जरिए किसी भी स्टॉक के पिछले 5, 10, 20, 50, 100 और 200 दिन के एवरेज प्राइस का अध्ययन किया जाता है. अलग-अलग टाइम फ्रेम पर स्टॉक के भाव में बढ़त और गिरावट से तेजी व मंदी का अनुमान लगाया जाता है. वहीं, RSI यानी रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स एक ग्राफ के जरिए यह प्रदर्शित करता है कि शेयर में कितनी खरीदारी और बिकवाली हावी है.

फंडामेंटल एनालिसिस क्यों जरूरी?
फंडामेंटल एनालिसिस में किसी भी कंपनी के बिजनेस मॉडल और ग्रोथ स्टोरी का अध्ययन किया जाता है. इसमें मुख्य रूप से कंपनी के फाइनेंशियल्स यानी आर्थिक आंकड़ों पर नजर डाली जाती है. इनमें P/E Ratio और P/B Ratio जैसे रेशियो को देखा जाता है. अगर प्राइस अर्निंग रेशियो की वैल्यू कम है तो इसका मतलब है कि इसमें ग्रोथ की काफी गुंजाइश है. वहीं, प्राइस टू बुक वैल्यू रेशियो कम है तो इसका मतलब हुआ कि स्टॉक अंडरवैल्यूड है.

फंडामेंटल एनालिसिस में कम्पनी की सम्पत्तियों तथा देनदारियों की अध्ययन करके कम्पनी की नेट वैल्यू निकाली जाती है. इसके आधार पर कम्पनी के स्टॉक की कीमत का अनुमान लगाया जाता है. इसमें कम्पनी की डिविडेंड पॉलिसी भी देखी जाती है. इस तरह की स्टडी से अंडरवैल्यूड कंपनियों के बारे में पता लगाया जा सकता है जिनके भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करने की संभावना होती है.

कैसे सीखें टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस
टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस के बारे में जानने के बाद अब सवाल उठता है कि यह ज्ञान कहां से लिया या सीखा जाए. टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस के लिए कई बुक्स और इंटरनेट पर ऑनलाइन कंटेंट उपलब्ध है.

इसके अलावा आप नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटी मार्केट (NISM) के जरिए शेयर मार्केट में बतौर रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइज के तौर पर काम करने के लिए कई कोर्सेस ज्वाइन कर सकते हैं. इनमें टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस से जुड़े विषयों को कवर किया जाता है.

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Stock Market फंडामेंटल एनालिसिस क्या हैं ? Fundamental Analysis in Hindi.

फंडामेंटल एनालिसिस क्या है ?

1) फंडामेंटल एनालिसिस याने की " वास्तविकता की पहचान।" सच्चाई की जांच। सही है ?

2) किसी चीज के बारें में हकीकत जानना मतलब "सही मूल्य जानना।"

3) किसी का बॅक-ग्राउंड, क्षमता, अनुकूलता और दिक्क्तों का " सही मायनों में विश्लेषण" करना।

अच्छा, अब इसे स्टॉक मार्केट से जोड़ते हैं तो यह हुआ Stock Market फंडामेंटल एनालिसिस। तो, आगे बढ़ते हुए समज़ते है की स्टॉक मार्केट का फंडामेंटल एनालिसिस करना याने की, उसके वास्तविकता का सही मायनों में विश्लेषण करना। आसान है ना ? बस इसी तरह से साथ बनें रहिये।

फंडामेंटल एनालिसिस का महत्व

फंडामेंटल एनालिसिस में देश और दुनिया की स्थिती, आर्थिक स्थिती और विकास, स्टॉक मार्केट की स्थिती, और जिस कंपनी में निवेश करना है उसकी स्थिती और विकास का बारीकी से स्टडी किया जाता है।

स्टॉक मार्केट में, कम्पनी के शेयर्स की ट्रेडिंग होती रहती है। डिमांड और सप्लाई के कारण कीमत ऊपर-नीचे होती रहती है। ऐसे में हमें लॉन्ग टर्म के लिए कोई शेअर लेना हो तो उस "शेअर का सही वास्तविक मुल्य क्या है ?" और आगे आने वाले कुछ सालों में "उसकी कितनी ग्रोथ हो सकती है ?" इसका पता लगाने के लिए फंडामेंटल एनालिसिस करना होता है।

इस स्टडी से हमें यह जानकारी हासिल होती हैं की, स्टॉक मार्केट में शेअर को अपनी सही कीमत मिल रही है या नहीं। और जो "शेअर अंडर-वैल्यूड है" उसे निवेश के लिए चुन सकते है।

इस में ओवर-ऑल इकोनॉमी से लेकर सूक्ष्म इकोनॉमी, कंपनी का सेक्टर और कंपनी का स्टडी किया जाता है। और ऐसा करने लिए हमें आसानी तब होती है जब हम यह जान लें की, किस इंफॉर्मेशन पर ध्यान देना है, और किस पर नहीं।

फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करे ?

1 ) मॅक्रो इकॉनोमिक्स

इसमें "कंट्री का स्टडी" होता है। जैसे की इकोनॉमी, नैसर्गिक घटक, पॉलिटिक्स, कायदे-कानून। याने की जो फॅक्टर्स हमारी लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट को प्रभावित कर सकते हैं उनका समावेश होता है।

राष्ट्रीय उत्पन्न और महंगाई का स्तर, आर्थिक विकास का स्तर, भाववाढ, बेरोजगारी का स्तर, G.D.P. का स्तर और बदलाव इनका मॅक्रो इकॉनोमिक्स में स्टडी किया जाता है।

2 ) माइक्रो इकॉनोमिक्स

इसे "सुक्ष्म अर्थशास्त्र" कहते है। इसमें कंट्री के अर्थ-व्यवस्था के विविध अंग किस तरह से कार्य करते हैं ? इसका स्टडी किया जाता है।

अर्थ-व्यवस्था के अंग याने की बाजार, डिमांड, सप्लाई, विभिन्न वस्तुओं की अलग-अलग कीमतें, लोगों की आदतें और व्यवहार, "कम्पनीज का उत्पादन और वितरण।" इनके बदलने से किस तरह से कीमतों में बदलाव होते है। और कीमतों के बढ़ने से और गिरने से अर्थ-व्यवस्था पर किस के तरह के प्रभाव पड़ सकते हैं। यह जानना महत्वपुर्ण होता है।

कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस

यह फंडामेंटल एनालिसिस का एक भाग हैं। कंपनी के फंडामेंटल एनालिसिस में कंपनी का पिछले कुछ सालों के "फायनांशियल परफॉर्मन्स" का तुलनात्मक स्टडी किया जाता है। साथ ही कंपनी के "मैनेंजमेंट के बारें में" जानकारी ली जाती है। इसमें -

कंपनी का "शेअर कॅपिटल और शेअर होल्डिंग पॅटर्न" की जानकारी लेते है।

कंपनी के "प्रॉफिट अँड लॉस अकाउंट, बॅलेन्स शीट, कॅश फ्लो स्टेटमेन्ट" का स्टडी किया जाता है।

इसमें "फायनांशियल रेश्यों" भी चेक किये जाते हैं। जैसे की, E.P.S., बुक वैल्यू, डिविडेन्ड पेआउट रेश्यो, रिटर्न फंडामेंटल एनालिसिस क्या है? ऑन कॅपिटल, रिटर्न ऑन एसेट, P. B. T./शेअर, टोटल डेब्ट/इक्विटी रेश्यो, इ.।

और कंपनी की अपने सेक्टर की तुलना में ग्रोथ, "कंपनी का मार्केट-हिस्सा" इनका स्टडी किया जाता है।

कंपनी के फंडामेंटल एनालिसिस का महत्व

Importance of the Stock Market Fundamental Analysis.


इससे हमें कंपनी की, "वर्तमान आर्थिक स्थिती की जानकारी" मिलती है।

और यह भी की कंपनी की "स्ट्रेन्थ और वीकनेस" क्या हैं ?

कंपनी की "मार्केट कॉम्पिटिशन" में क्या स्थिति मतलब क्या पोज़िशन है ?

कंपनी की "भविष्य की योजनाएँ" क्या है ?

कंपनी की अपना "बिज़नेस बढ़ाने की कपैसिटी" कितनी हैं ?

कंपनी की "ग्रोथ को सुचारु रखने की और बढ़ाने की" क्या प्लॅनिंग है ?

इस स्टडी से हमें निवेश करने के लिए किस सेक्टर की, "कौन-सी कंपनी चुननी है ?" यह जानकारी मिलती है। और हम स्टॉक मार्केट में लॉन्ग टर्म निवेश कर सकते है । फंडामेंटल एनालिसिस करके स्टॉक मार्केट में पैसे कैसे लगाए ? यह जानकर मुनाफा कमाने के अच्छे अवसरों को पहचानकर हम स्टॉक मार्केट में करियर कर सकते है।

हमने यह जाना

हमने यह जाना की, "Stock Market फंडामेंटल एनालिसिस क्या है ?" हमने लॉन्ग टर्म निवेश के लिए फंडामेंटल एनालिसिस के महत्व को समझा। और मोटा-मोटी यह जाना की, इस जानकारी से हम स्टॉक मार्केट से मुनाफा कमा सकते हैं। हो सकता है की ऐसा महसुस हुआ हो। और यह एक अच्छी शुरुआत हैं।

क्या है टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस? किसी शेयर में निवेश से पहले जानें इसकी अहमियत

शेयर मार्केट में निवेश के समय टेक्निकल एनालिसिस करते समय कुछ फंडामेंटल भी फंडामेंटल एनालिसिस क्या है? देखना चाहिए और इसी प्रकार फंडामेंटल एनालिसिस करते समय टेक्निकल पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही स्टॉक मार्केट में निवेश को लेकर कई रिकमंडेशन या टिप्स मिलते हैं जिससे आपको खुद एनालिसिस करना चाहिए।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। स्टॉक मार्केट में इन्वेस्टमेंट के लिए बेहतरीन शेयरों का चयन करना पहला स्टेप होता है। इसके लिए मुख्य रूप से दो प्रकार के एनालिसिस होते हैं। पहला फंडामेंटल एनालिसिस और दूसरा टेक्निकल एनालिसिस। लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है कि इन दोनों ही एनालिसिस के जरिए शेयरों का चयन किया जाता है व कभी एक एनालिसिस के जरिए स्टॉक मार्केट से मुनाफे की रणनीति को अपनाया जाता है।

Stock Market Investment: what is stop loss order

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शेयर मार्केट में निवेश के समय टेक्निकल एनालिसिस करते समय कुछ फंडामेंटल भी देखना चाहिए और इसी प्रकार फंडामेंटल एनालिसिस करते समय टेक्निकल पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही, स्टॉक मार्केट में निवेश को लेकर कई रिकमंडेशन या टिप्स मिलते हैं जिससे आपको खुद एनालिसिस करना चाहिए। तो ऐसे में आइए जानते हैं कि फंडामेंटल एनालिसिस और दूसरा टेक्निकल एनालिसिस क्या है और दोनों में क्या फर्क है।

टेक्निकल एनालिसिस

टेक्निकल एनालिसिस फंडामेंटल एनालिसिस की तुलना में अधिक कांप्लेक्स है। इसके तहत रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI), बोलिंजर बैंड्स (Bollinger Bands) जैसे 30-40 टेक्निकल इंडिकेटर का एनालिसिस किया जाता है। इस एनालिसिस में स्टॉक की मजबूती और रुझानों ध्यान में रखकर का अनुमान लगाया जाता है।

फंडामेंटल एनालिसिस

इसमें कंपनी के फाइनेंशियल्स और P/E Ratio और P/B Ratio जैसे रेशियो को पर ध्यान देते हैं। इसके अलावा और भी रेशियो को एनालाइज करते हैं। अब अगर जैसे P/E Ratio की बात करें तो इसकी वैल्यू अगर कम है तो इसका मतलब है कि इसमें ग्रोथ की बहूत उम्मीद है जब P/B Ratio कम होता है तो स्टॉक अंडरवैल्यूड है। साथ ही, इसके अलावा फंडामेंटल एनालिसिस में बीटा को भी ध्यान देखते हैं जो अगर एक से ज्यादा होता है तो इसका अर्थ हुआ कि मार्केट की तुलना में यह अधिक वोलेटाइल है। जो कंपनियां हाई डिविडेंड यील्ड वाली होती हैं और कर्ज से फंडामेंटल एनालिसिस क्या है? मुक्त होती हैं, वे फंडामेंटली रूप से बहुत मजबूत होते हैं।

इन दोनों तरीकों से आप शेयर की प्राइस का सही अनुमान और भविष्य से जुड़ी संभावनाओं के बारे में पता लगा सकते हैं। साथ ही स्टॉक कब खरीदें और कब बेचें, यह निर्णय लेने में भी आपको काफी मदद मिलेगी।

fundamental anaylsis क्या होता हे ?

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शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण उस कंपनी का फंडामेंटल होता हे.fundamental analysis करना मतलब किसीभी कंपनी की पूरी हिस्ट्री निकलने जैसा हे. तो चलिए आज फंडामेंटल का पूरा पाठ पड़ते हे.

दोस्तों आज हम fundamental anaylsis kya hota he के फंडामेंटल एनालिसिस क्या है? बारे में जानेंगे , कई लोगो को फंडामेंटल नाम सुनते ही डर लगता हे. की क्या होता होगा ये ,और इसको जानने के लिए तो किसी एक्सपर्ट की जरुरत पड़ती होती। या किसी चार्टेन अकाउंटेंट फंडामेंटल एनालिसिस क्या है? की जरुरत पड़ती होती। लेकिन दरसल ऐसा नहीं हे हम लोगो में ये ब्रह्म पैदा कर दिया हे। की फंडामेंटल एनालिसिस के लिए किसी वक्सपर्ट की जरुरत हे.

fundamental analysis

fundamental analysis का फंडामेंटल एनालिसिस क्या है? मतलब होता हे की किसी भी कंपनी का पिछले रिकॉर्ड निकलना मतलब कंपनी की पूरी जानकारी निकलना जैसे की कंपनी की बैलेंस शीट ,कंपनी का प्रॉफिट एंड लोस ,कंपनी का प्रोडक्शन क्या हे ,या फिर कंपनी की पूरी हिस्ट्री। किसीभी कंपनी में निवेश करने के लिए एक्सपर्ट उस कंपनी के फंडामेंटल को समझते हे।

कंपनी का फंडामेंटल देखने से हमें कंपनी की ग्रोथ पता चलती हे। लॉन्ग टर्म निवेशक जो होते हे वह कंपनी के फंडामेंटल देखके ही कंपनी में इन्वेस्ट करते हे। फंडामेंटल एनालिसिस के भी दो प्रकार पड़ते हे जैसे की एक होता हे qualitative analysis और दूसरा होता हे quantitative analysis .तो चलिए हम इन दोनों के बारे सविस्तर देखते हे.

qualitative analysis;

qualitative analysis में किसीभी कंपनी की एनालिसिस नंबर की फॉर्म्स में नहीं जाना जा सकता। जैसे की इसमें हम कंपनी की ब्रैंड वैल्यू देखते हे.कंपनी का प्रोडक्ट्स देखते हे,कंपनी के प्रमोटर देखते हे। कंपनी के कॉम्पिटिटर के साथ उसकी तुलना करते हे इससे हमें कंपनी की जानकारी मिलती तो हे लेकिन वो नंबर के फॉर्म में नहीं रहती।

इसका मतलब किसीभी कंपनी का qualitative analysis हर एक व्यक्ति के लिए अलग अलग हो सकता वो उसी व्यक्ति पे निर्भर हे की वह व्यक्ति फंडामेंटल एनालिसिस क्या है? उस कंपनी के qualitative analysis को कैसे देखता हे। किसी के लिए कंपनी की ब्रैंड वैल्यू मायने नहीं रखती होगी तो किसी के लिए ब्रैंड वैल्यू बहुत इम्पोर्टैंट होगी। इसीलिए qualitative analysis हेर फंडामेंटल एनालिसिस क्या है? व्यक्ति के लिए अलग अलग हो सकता हे।

quantitative analysis;

quantitative analysis में हम कंपनी को नंबर्स की फॉर्म में जान सकते हे। जैसे की किसीभी कंपनी का ग्रोथ देखना हे तो उसका फायदा फंडामेंटल एनालिसिस क्या है? और फंडामेंटल एनालिसिस क्या है? नुकसान देखा जा सकता हे। उसकी बैलेंस शीट देखि जा सकती हे. या फिर कंपनी के रेश्यो होते हे. जैसे की PE ratio ,cash erning ratio,eps ratio,divident ratio ऐसे कई सार रेश्यो हम quantitative analysis में देखते हे।

कंपनी के पास कितने कॅश फ्लो हे ,कंपनी के पास असेट्स (मालमत्ता ) कितने हे। कंपनी की इन्वेंटरी इन सब के बारे में quantitative analysis में पता चलता हे या देखा जाता हे। अगर किसी भी कंपनी का फंडामेंटल ठीक नहीं हे. या फिर वीक हे तो उससे हम कंपनी की वर्तमान स्तिति को समज सकते हे।

किसीभी कंपनी का fundamental analysis फंडामेंटल एनालिसिस क्या है? कैसे करते हे.

किसी भी कंपनी का अगर हमें फंडामेंटल एनालिसिस करना हे। तो हम सबसे पहले कंपनी की बैलेंस शीट देखेंगे। इससे हमें कंपनी की पूरी जनम कुंडली पता चलती हे. किसी भी कंपनी का फंडामेंटल देखने के लिए हम गूगल में www.nseindia.com जाके चेक कर सकते हे। ये एक सेबी रेजिस्टेड गवर्नमेंट वेबसाइट हे इसमें हमें कंपनी की पूरी जानकारी मिल जाती हे। इससे आपको न तो किसी एक्सपर्ट की जरुरत पड़ेगी। नहीं किसी चार्टेन अकॉउंटट की।

एक सिम्पल फंडा हे हमें कंपनी में निवेश करने से पहले कंपनी के फंडामेंटल का जानना बहुत ही महत्वपूर्ण हे। नहीं तो किसी की बातो में आकर हम किसभी कंपनी में निवेश कर देते हे और उस कंपनी का फंडामेंटल ठीक ठीक नहीं रहता। और हमें नुकसान हो जाता हे,और फिर हम स्टॉक मार्किट को जुआ या सट्टा बाजार कहने लगते हे।

आज हमने जाना की fundamental anaylsis kya hota he और किसीभी कंपनी निवेश करने के लिए फंडामेंटल एनालिसिस महत्वपूर्ण हे. और उसमे कंपनी का क्या क्या चेक करना पड़ता हे और fundamental के कोनसे दो इम्पोर्टेट एनालिसिस हे. ये हमने देखे।

यकीं हे की आपको मेरी ये fundamental anaylsis kya hota he पोस्ट पसंद आयी हो। और आपको काफी मदतगार ये पोस्ट साबित हुयी होगी। मेरी आपसे यही सलाह रहेगी की किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले आप उस कंपनी फंडामेंटल एकबार जरूर चेक कर लीजिये। और आपको मेरी ये पोस्ट अच्छी लगे तो कृपया इसे शेयर जरूर कीजियेगा ,और आपको कोई बात समज नहीं आयी हो या आपका कोई सवाल हो , तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर हमें भेज सकते हे। धन्यवाद !

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